Odisha News: ये कैसी व्यवस्था? राशन लेने के लिए बुजुर्ग लकवाग्रस्त दंपती डीलर के पास जाने को मजबूर
ओडिशा में सरकारी तंत्र पर सवाल खड़ा करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां की सरकार बदल चुकी है लेकिन पुरानी व्यवस्था जस की तस है। मजबूरी में एक 85 साल के लकवाग्रस्त बुजुर्ग को राशन लेने के लिए डीलर के पास जाना पड़ रहा है। उनकी पत्नी उन्हें रिक्शा ट्रॉली पर टांग कर ले जाने को मजबूर है। आपूर्ति सहायक ने असहाय बुजुर्ग को मदद का भरोसा दिया है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में सरकार बदल गई है, परन्तु यहां का तंत्र आज भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। गरीब और असहाय लोगों को नई सरकार में भी क्रूर और निष्ठूर व्यवस्था का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
ऐसी एक तस्वीर प्रदेश के आदिवासी जिला कोरापुट से सामने आया है, जहां पर एक पत्नी को अपने लकवाग्रस्त पति को राशन लेने के लिए हाथ ट्राली पर ढोने को मजबूर होना पड़ा है।जानकारी के मुताबिक, नक्सल प्रभावित एवं आदिवासी क्षेत्र नारायणपाटना प्रखंड के सदर पंचायत चंपीकटा मुहल्ले में रहने वाले लिंगू टेपेका की उम्र 85 वर्ष है। लकवा एवं बुढ़ापे के कारण चल फिर नहीं सकते।
बुढ़ापे की इस कठिन घड़ी में धर्मपत्नी उनके साथ हैं। वह भी बुजुर्ग हो चुकी हैं। कमर झूक गई है, परन्तु प्रतिकुल परिस्थिति में ढाल बनकर हर समस्या का सामना कर रही हैं। बीमार पति की सेवा कर रही हैं।
बुढ़ापे के कारण दंपती को चलना-फिरना मुश्किल
लिंगू टेपेका और उनकी पत्नी तुलसा बुढ़ापे के कारण चलने फिरने में मुश्किल होती है। जीवन-यापन के लिए राज्य सरकार की तरफ से इन्हें वृद्धावस्था भत्ता एवं खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चावल उपलब्ध कराया जाता है।दुर्भाग्य से लकवाग्रस्त लिंगू तक सरकारी चावल नहीं पहुंच पाता। इसके लिए उसे डीलर के पास जाना पड़ता है। इसके लिए इनका माध्यम मध्यम हाथ ट्रॉली है, जो एक बार लाने ले जाने के लिए किराये के तौर पर 100 रुपये लेता है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बुधवार को तुलसा मौसी अपने पति लिंगू टेपेका को ट्राली में लेकर डीलर के पास गई थी। डीलर के पास बायोमेट्रिक में फिंगर प्रिंट देकर तीन महीने का चावल लिया।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।वीडियो वायरल होने पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
चावल लेने के बाद दोनों घर को लौट रहे थे। इसी समय बुजुर्ग दंपत्ति का किसी ने वीडियो बना लिया और इसे इंटरनेट मीडिया पर डाल दिया। वीडियो सामने आने के बाद लोगों ने क्रूर और निष्ठुर व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की।लोगों ने कहा कि बुजुर्ग दंपत्ति के लिए यह कैसी व्यवस्था है। तंत्र इतना निष्ठुर एवं असहाय कैसे हो सकता है? वहीं, आपूर्ति सहायक ने कहा कि सरकार ने बायोमेट्रिक व्यवस्था की है। उनका कहना है कि अंगूठे का चिन्ह नहीं लगाने पर चावल देना मुश्किल है। ऐसे में इस तरह की घटना हुई है। अब मामला सामने आने के बाद हम उनके घर जाकर अंगूठे का चिन्ह लेंगे और उन्हें घर पर ही राशन मुहैया कराएंगे।ये भी पढ़ें- Odisha Ration Card: 16 लाख से ज्यादा राशनकार्डधारकों का कटेगा नाम, मंत्री ने विधानसभा में बताई वजहPuri Jagannath Temple: रत्न भंडार में जांच के लिए आधुनिक तकनीक का होगा इस्तेमाल, जस्टिस बिश्वनाथ रथ ने दी जानकारी