ओडिशा में वृद्धा पेंशन और दिव्यांग भत्ता पाने वालों की दुर्दशा का अंत नहीं! कई KM पैदल चली बुजुर्ग, फिर भी नहीं मिली पेंशन
ओडिशा में वृद्धा पेंशन और दिव्यांग भत्ता पानेवालों की दुर्दशा का कोई अंत नहीं। केंदुझर में दिव्यांग बुजुर्ग को अपनी वृद्धा पेंशन लेने के लिए सड़क पर रेंगने का मामला सामने आने के बाद अब कोरापुट जिले के गौडागुडा गांव से नया मामला सामने आया है। 65 वर्षीय सीता दामी को मूसलाधार बारिश में कई किलोमीटर चलकर बैंक जाना पड़ा लेकिन उन्हें पेंशन देने से मना कर दिया गया।
संतोष कुमार पांडेय , अनुगुल। ऐसा लगता है कि ओडिशा में वृद्धा पेंशन और दिव्यांग भत्ता पाने वालों की दुर्दशा का कोई अंत नहीं है। केंदुझर जिले में एक दिव्यांग बुजुर्ग महिला को अपनी वृद्धा पेंशन लेने के लिए स्थानीय पंचायत कार्यालय तक पहुंचने के लिए सड़क पर रेंगने का मामला सामने के बाद ऐसा ही एक और मामला सामने आया है।
इसमें एक बुजुर्ग महिला को अपनी पेंशन लेने के लिए सड़क पर तीन किलोमीटर चलते हुए देखा गया, जिसने राज्य में वृद्धावस्था पेंशन वितरण प्रणाली की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना कोरापुट जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के गौडागुडा गांव की है।
मूसलाधार बारिश में बैंक पहुंची वृद्धा लेकिन...
मूसलाधार बारिश के बावजूद, जिले के गौडागुडा गांव की 65 वर्षीय सीता दामी को भीगते हुए पैदल अपने घर से तीन किलोमीटर दूर बैंक तक जाना पड़ा, ताकि वह अपनी वृद्धावस्था पेंशन ले सके। बारिश के बीच भीगते हुए और गड्ढों से गुजरते हुए, दामी किसी तरह बैंक तक पहुंचने में कामयाब रही।दामी किसी तरह बैंक तो पहुंच गई लेकिन, उसकी सारी कोशिशें उस वक्त बेकार हो गईं, जब उन्हें पेंशन देने से इनकार कर दिया गया और उसे खाली हाथ घर लौटना पड़ा।
दामी ने बताया कि मैं अपनी वृद्धावस्था पेंशन लेने के लिए बैंक गई थी, लेकिन मुझे पेंशन देने से मना कर दिया गया।
प्रखंड विकास अधिकारी ने क्या कहा?
मामला लक्ष्मीपुर प्रखंड विकास अधिकारी गुरेश्वर भोई के संज्ञान में लाए जाने पर उन्होंने कहा कि बुजुर्ग महिला को उनके घर पर ही पेंशन उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।भोई ने बताया कि मैंने इस संबंध में स्थानीय सरपंच से बात की है। हम लाभार्थी को उसके घर पर ही पेंशन उपलब्ध कराने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे।
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