बालासोर रेल हादसे के 2 महीने बाद भी 29 शवों की नहीं हो सकी है शिनाख्त, अंतिम चरण की DNA रिपोर्ट आने का इंतजार
बालेश्वर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के करीब हुए दुखद भीषण रेल हादसे को दो महीने बीत चुके हैं लेकिन दुर्घटनास्थल से बरामद 29 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। एम्स भुवनेश्वर के अधीक्षक दिलीप कुमार परिडा ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर को दो चरणों में कुल 162 शव मिले थे जिनमें से 133 शव उनके रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को सौंप दिए गए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Tue, 01 Aug 2023 07:02 PM (IST)
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के करीब हुए दुखद भीषण रेल हादसे को दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन दुर्घटनास्थल से बरामद 29 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
एम्स, भुवनेश्वर के अधीक्षक दिलीप कुमार परिडा ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर को दो चरणों में कुल 162 शव मिले थे, जिनमें से 133 शव उनके रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को सौंप दिए गए हैं।
81 में से 52 को मिला परिवार
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संस्थान को प्राप्त कुल 81 अज्ञात शवों में से 52 शवों को उनके परिवारों के पास भेज दिया गया है। वहीं कई दावेदारों और कुछ अन्य मुद्दों के कारण, शवों और दावेदारों के 103 डीएनए नमूने मिलान के लिए नई दिल्ली भेजे गए थे।इसके बाद, शवों को रेलवे की मदद से संबंधित परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है। परिडा ने आगे कहा कि 29 अज्ञात शवों को एम्स, भुवनेश्वर में कंटेनरों में संरक्षित किया गया है।
आखिर लावारिस शवों का क्या होगा
अंतिम चरण की डीएनए सैंपलिंग की रिपोर्ट एक सप्ताह में आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और ओडिशा सरकार तय करेगी कि अंतिम चरण की डीएनए रिपोर्ट के बाद उन शवों का क्या किया जाएगा जो लावारिस रह जाएंगे।गौरतलब है कि 2 जून की शाम को ओडिशा के बालेश्वर जिले में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास एक दुखद और भीषण रेल दुर्घटना में चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से कम से कम 294 लोगों की मौत हो गई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
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