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मर कर भी दो लोगों को जिंदगी दे गए 18 वर्षीय छात्र शिबू दास: राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

ओडिशा में महज 18 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले छात्र शिबू दास ने जाते-जाते दो लोगों को नई जिंदगी दे दी। ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे शिबू का कल इलाज के दौरान निधन हो गया। छात्र के ब्रेन डेड होने की खबर जानने के बाद परिवार वालों ने बेटे की दोनों किडनी दान में दे दी।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Fri, 01 Mar 2024 05:47 PM (IST)
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मर कर भी दो लोगों को जिंदगी दे गए 18 वर्षीय छात्र शिबू दास।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में एक 18 वर्षीय छात्र ने अपने किशोरावस्था में ही खुद तो दुनिया को अलविदा कह दिया मगर जाते-जाते दो लोगों की जिंदगी बचा दी। छात्र के ब्रेन डेड होने की खबर जानने के बाद परिवार वालों ने बेटे की दोनों किडनी दान करते हुए यह महान कार्य किया है।

मरकर भी अमर बने शिबू

वहीं परिवार से अनुमति मिलने के बाद कटक एससीबी मेडिकल में छात्र की दोनों किडनी को सुरक्षित निकाल लिया है और इसे अन्य दो लोगों के शरीर में प्त्यारोपण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

मरकर भी अमर बने छात्र का नाम शिबू दास है और वह केन्द्रापड़ा कालेज का मेधावी छात्र था।ओडिशा सरकार की घोषणा के मुताबिक छात्र शिबू का राजकीय मर्यादा के साथ अंतिम संस्कार किया गया है।

ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहा था शिबू

जानकारी के मुताबिक, छात्र शिबू ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित था। डेढ़ महीने से कटक के एससीबी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शिबू का कल इलाज के दौरान निधन हो गया। हालांकि, बेटे के निधन से पहले माता-पिता एवं परिवार ने उसकी किडनी दान करने का निर्णय लिया।

सर्जरी और किडनी प्रत्यारोपण विभाग में उनकी दो किडनी को सफलतापूर्वक निकाल लिया है। इसे अब और अन्य दो के शरीर में प्रत्यारोपण की व्यवस्था की गई है। क किडनी कटक के एससीबी अस्पताल और दूसरी भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल भेजी गई है।

पढ़ने-लिखने में अच्‍छा था शिबू

वहीं एससीबी मेडिकल की तरफ से सम्मान के साथ छात्र के शव को उसके गांव पटामुंडई भेजा गया है। यहां पर छात्र का राजकीय मर्यादा के साथ अंतिम संस्कार किया गया है।

केन्द्रापड़ा कालेज में पढ़ने वाले शिबू एक मेधावी छात्र थे। किन्तु ब्रेन ट्यूमर होने की बात पता चलने के बाद उन्हें एससीबी मेडिकल के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया था।

डाक्टरों के पूरा प्रयास के बावजूद शिबू को नहीं बचाया जा सका। छात्र शिबू ब्रेन डेड होने की जानकारी दो दिन पहले ही डाक्टरों ने कही थी। ऐसी स्थिति में परिवार के सदस्यों ने किडनी डोनेट करने की इच्छा जतायी। परिवार से दोनों कीडनी दान करने की सहमति मिलने के बाद एक डाक्टरी टीम ने आपरेशन शुरू किया।

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