Surrogate Mother ओडिशा में महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार की ओर से अब ऐसी महिला कर्मी जो सरोगेसी से मां बनने वाली हैं उन्हें भी छह माह का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए कुछ शर्त पूरी करनी होगी। वित्त विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इलाके अलावा जैविक पिता को भी 15 दिन का अवकाश मिलेगा।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली महिला कर्मचारियों को अब 180 दिन और पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन का मातृत्व और पितृत्व अवकाश मिलेगा।
राज्य के वित्त विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एक औपचारिक अधिसूचना जारी की है। वर्ष 2011 से राज्य सरकार महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश और पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश प्रदान कर रही है।
सरोगेसी के लिए राज्य सरकार का यह नया अवकाश नियम शुक्रवार से लागू हो गया है।
वित्त विभाग की अधिसूचना के अनुसार, राज्य की एक महिला कर्मचारी 180 दिनों के मातृत्व अवकाश के लिए पात्र होगी, यदि वह दो से कम जीवित बच्चों के साथ सरोगेट मां बनती है।
इन शर्तों को पूरा करना होगा
हालांकि, संबंधित महिला कर्मचारियों को सरोगेसी अधिनियम, 2021 की धारा 4 (बी) में निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा। इसी तरह, एक महिला कर्मचारी जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, वह कमीशनिंग मदर (सरोगेसी के जरिये जैविक मां) 180 दिनों के मातृत्व अवकाश के लिए पात्र होगी।
सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, कमीशनिंग मदर का मतलब एक जैविक मां है जो किसी अन्य महिला के गर्भ में भ्रूण प्रत्यारोपित करने के लिए अपने अंडाशय का उपयोग करती है।
इसी तरह, यदि कोई राज्य सरकार का पुरुष कर्मचारी दो से कम जीवित बच्चों के साथ कमीशनिंग पिता (सरोगेसी के जैविक पिता) बन जाता है, तो उसे बच्चे के जन्म की तारीख से छह महीने के भीतर 15 दिनों का पितृत्व अवकाश मिलेगा।
चिकित्सा दस्तावेज दिखाने होंगे
इसके अलावा अगर सरोगेट मदर और कमीशनिंग मदर राज्य सरकार के कर्मचारी हैं तो इन दोनों को 180 दिनों के मातृत्व अवकाश की सुविधा मिलेगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि मातृत्व और पैतृक अवकाश की सुविधा का लाभ उठाने के लिए, सरोगेट मां और कमीशनिंग अभिभावक को सरोगेसी और पंजीकृत डॉक्टर और अस्पताल से प्राप्त चिकित्सा दस्तावेजों पर एक समझौता प्रस्तुत करना होगा।
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