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Odisha Politics: 'अब BJD और BJP को नहीं एक दूसरे की...’, गठबंधन को लेकर बोले VK पांडियन; चुनावी गणित में आया नया मोड़

फाइव टी एवं नवीन ओडिशा के अध्यक्ष वीके.पांडियन के बयान ने ओडिशा की राजनीति में बीजद एवं भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर नया मोड़ दे दिया है और बता दें कि राज्य में गठबंधन को लेकर काफी दिनों से अटकलें चल रही हैं। पांडियन ने कहा है राज्य में चुनावी अंकगणित के बीजद और भाजपा को एक दूसरे की जरूरत नहीं है।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 19 Mar 2024 07:41 PM (IST)
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गठबंधन को लेकर फाइव टी एवं नवीन ओडिशा के अध्यक्ष वीके पांडियन ने दिया बयान (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। बीजद सुप्रीमो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अति घनिष्ठ फाइव टी एवं नवीन ओडिशा अध्यक्ष वीके.पांडियन के बयान ने ओडिशा की राजनीति में सत्ता पक्ष बीजद एवं प्रतिपक्ष भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों को पुन: नया मोड़ दे दिया है।

पांडियन ने कहा है कि देश के दो महान नेता बड़े कारण के लिए एक साथ आना चाहते हैं। जो राजनीति से ऊपर है और यही राष्ट्र नीति है। पांडियन ने कहा कि चुनावी अंकगणित के लिए न तो बीजद और न ही भाजपा को गठबंधन की जरूरत है।

गठबंधन में जो कुछ होगा सबको पता होगा- पांडियन

पांडियन के इस बयान ने संभावित गठबंधन को लेकर चल रही चर्चा में कुछ स्पष्टता देने का काम किया है। नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय टीवी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर बीजू जनता दल के दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता वी के पांडियन ने गठबंधन पर सीधे तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

लेकिन उन्होंने गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ कर दी है। पांडियन ने कहा कि गठबंधन के बारे में जो कुछ भी होगा वह सबको पता होगा। राज्य में भाजपा और बीजद के बीच चुनावी गठबंधन को लेकर चल रही चर्चा के बारे में पूछे जाने पर पांडियन ने कहा कि मुझे जहां तक लगता है राज्य में चुनावी अंकगणित के लिए बीजद को भाजपा की जरूरत नहीं है।

भाजपा बीजद को बीजद के समर्थन की नहीं जरूरत

वहीं भाजपा को भी केंद्र में सरकार बनाने के लिए बीजद के समर्थन की जरूरत नहीं है। नवीन पटनायक को एक बार फिर सत्ता में वापस आने और लोगों की सेवा करने के लिए गठबंधन की जरूरत नहीं है। पांडियन ने कहा कि बीजद राज्य में लगातार तीन-चौथाई सीटें जीतने में सफल रही है।

पिछले पंचायत चुनाव में बीजद ने 90 प्रतिशत सीटें जीती थीं। भाजपा को केवल 5 प्रतिशत सीट मिली थी। नवीन पटनायक सबसे लोकप्रिय नेता हैं। बीजद को राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी के साथ गठबंधन करने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी और नवीन पटनायक को लेकर ये कहा

इसी तरह सभी सर्वे में कहा गया है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। भाजपा को केंद्र में सरकार बनाने के लिए बीजद की मदद की जरूरत नहीं होगी। इसलिए चुनावी अंकगणित के लिए न तो बीजद और न ही भाजपा को गठबंधन की जरूरत है।

हालांकि, दो महान नेता (नरेंद्र मोदी और नवीन पटनायक) बड़े कारण के लिए एक साथ आना चाहते हैं। इन दोनों महान व्यक्ति का राष्ट्रनीति के दृष्टिकोण से काफी महत्व है। इसका कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। इसका वोट की राजनीति से भी कोई संबंध नहीं है। यह दोनों व्यक्ति के बीच परस्पर रहने वाला भाईचारा है, दोस्ती है, जो कि राजनीति से ऊपर है और विरल राष्ट्रनीति है।

नवीन पटनाय को बताया अपना गुरु

पांडियन ने नवीन पटनायक को अपना गुरु बताते हुए कहा कि वह उनके अनुयायी के रूप में मदद करने के लिए राजनीति में आए हैं। राज्य में नवीन पटनायक सरकार 'धार्मिक गणतंत्र' में विश्वास करती है। इसलिए मुख्यमंत्री सभी धर्मों के लोगों की आस्था से जुड़े पूजा स्थलों के जीर्णोद्धार पर काम कर रहे हैं।

सरकार ने हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख और यहां तक कि आदिवासियों के पूजा स्थलों को विकसित करने के लिए कदम उठाए हैं। नवीन पटनायक सरकार आध्यात्मिक शासन में विश्वास करती है।

गंठबंधन को लेकर ये कहा

पांडियन ने कहा, नवीन के लिए लोगों की सेवा करना महत्वपूर्ण है और वह हमेशा उस दिशा में काम करते हैं। हालांकि, पांडियन ने यह कहकर गठबंधन सस्पेंस को जारी रखने की कोशिश की कि गठबंधन को लेकर क्या होगा, वह आगामी दिनों में सभी को पता चल जाएगा।

वहीं दुसरी तरफ आज भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रदीप कुमार नायक ने कहा कि भाजपा 147 विधानसभा और 21 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। भाजपा अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसके लिए मैं गांव चलो, बूथ चलो जैसा अभियान कर रहा हूं। यदि आप खुद तैयार नहीं हैं, तो किसी भी स्तर पर गठबंधन हो, चर्चा नहीं कर पाएंगे।

राज्य शाखा गठबंधन का नहीं कर सकती फैसला

राज्य शाखा गठबंधन का फैसला नहीं कर सकती है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहें तो गठबंधन हो सकता है। राज्य को केंद्र को यह बताने की जरूरत है कि उसने क्या फैसला किया है। मुझे गठबंधन के बारे में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है। नायक ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष जो कुछ भी कर सकते हैं।

यहां उल्लेखनीय है कि पिछले 15 दिनों से राज्य में बीजेपी और बीजेडी के बीच संभावित गठबंधन को लेकर काफी बातें हो रही हैं, लेकिन दोनों पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व राज्य की जनता के सामने साफ तस्वीर नहीं रख रहा है। नतीजतन गठबंधन को लेकर दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता असमंजस में हैं।

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