कैसे नवीन पटनायक के करीबी बने वी.के. पांडियन, ओडिशा के धर्मगढ़ से हुई थी नौकरशाही करियर में एंट्री
वी.के. पांडियन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सबसे करीबी माने जाते हैं। इसके पीछे फाइव टी मंत्र को मनाया गया जिसके तहत पारदर्शिता लाने के लिए सभी सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहल लागू किए गए। इसकी नींव पांडियन ने ही रखी थी जिन्होंने 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के उप-कलेक्टर के रूप में अपने नौकरशाही कैरियर की शुरुआत की थी।
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। ओडिशा में कहा जाता है कि नवीन पटनायक की परिवर्तनकारी मुहिम फाइव टी की मुहिम की नींव वी.के.पांडियन ने ही रखी थी। हालांकि, वह इसे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का इसे निर्देश मानते हैं। ओडिशा में फाइव टी के तहत लगभग सभी विभागों को लाया जा चुका है और पारदर्शी तरीके से सख्त निर्देष दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पटनायक ने उन्हें सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए 2019 में 5टी सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी।
मयूरभंज से मिला था परिचय
मयूरभंज में जिलाधीश के तौर पर दायित्व लेने वाले पांडियन उस समय देश के सबसे जूनियर आईएएस थे। जिलाधीश के तौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उनके दैनिक दौरे ने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा।
मयूरभंज का जिलाधीश रहते समय उनके द्वारा दिव्यांग पुनर्वास क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। ग्रामीण एवं ब्लॉक स्तर पर दिव्यांग जनों का किस प्रकार से पुनर्वास किया जाएगा उसे लेकर पूरे राज्य में इनके प्रयास को कार्यकारी किया गया। इसके लिए उन्हें हेलेन केलर सम्मान से सम्मानित किया गया था।
गंजाम से मिली प्रसिद्ध
वीके पांडियन के प्रशासनिक जीवन में गंजाम जिला हर समय एक विशेष स्थान के रूप में बना रहेगा। गंजाम का जिलाधीश रहने के दौरान उनके प्रशासनिक कौशल को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति मिली थी।
महात्मा गांधी निश्चित कर्म नियुक्त योजना को सफलता के साथ लागू करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। इस योजना के तहत श्रमिकों को मजदूरी नगद आकार में दी जा रही थी।
हालांकि, पांडियन ने इसे बैंक खाते के जरिए मुहैया कराकर एक मिसाल पेश की। हजारों श्रमिकों को लगभग 100 करोड़ रूपया उसे समय बैंक के जरिए दिया गया था।
गंजाम जिला प्रशासन द्वारा उस समय उठाए गए कदम की राज्य एवं केंद्र सरकार ने प्रशंसा की और बाद में इसे लागू भी किया। इसके साथ ही गंजाम जिले को श्रेष्ठ प्रदर्शनकारी के रूप में दो बार राष्ट्रपति सम्मान मिला था।
अपने वृत्तिगत पेशे के दौरान पांडियन आराम्भ से ही चर्चे में रहे हैं। 2002 में धर्मगढ़ के उप जिलाधीश बनने के बाद से और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अपने दक्ष प्रशासनिक कार्यशैली के जरिए एक ही दिन में सर्वाधिक राजस्व संग्रह कर धर्मगढ़ में रिकॉर्ड स्थापित किया और इसके लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें उस समय सम्मानित किया था।
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ओडिशा में धर्मगढ़ से हुई पांडियन की एंट्री
वीके.पांडियन ने वर्ष 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के उप-कलेक्टर के रूप में अपने नौकरशाही कैरियर की शुरुआत की और फिर 2005 में मयूरभंज जिले के कलेक्टर के रूप में तैनात हुए।
ओडिशा सरकार ने उन्हें 2007 में गंजाम का कलेक्टर नियुक्त किया, जिसके बाद, वह सीएम नवीन पटनायक के करीबी बन गए और 2011 से उनके निजी सचिव के रूप में कार्य करने लगे।
फाइव टी मुहिम की शुरुआत की
ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार की परिवर्तनकारी मुहिम फाइव टी मुहिम की नींव वी.के.पांडिय ने ही रखी थी। हालांकि वे इसे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का निर्देश मानते हैं। ओडिशा में फाइव टी के तहत लगभग सभी विभागों को लाया जा चुका है और पारदर्शी तरीके से सख्त निर्देष दिए गए है।
मुख्यमंत्री पटनायक ने उन्हें सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए 2019 में 5टी सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी। यह है फाइव टी ओडिशा में मुख्यमंत्री मन नवीन पटनायक के परिवर्तनकारी मुहिम फाइव टी वाले शब्द शामिल हैं। इसमें ट्रांसपरेंसी, टीम वर्क, टेक्नोलाजी, टाइम वर्क एवं ट्रांसफार्मेशन शामिल है।
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