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ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति, 5 जिलों में अगले आदेश तक स्कूल बंद; CM ने लोगों से की ये अपील

ओडिशा में चक्रवात दाना के कमजोर होने के बावजूद तटीय क्षेत्रों में तेज हवा और वर्षा के कारण बाढ़ जैसी स्थिति है। लगभग 1.75 लाख एकड़ भूमि में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और रेस्क्यू का कार्य जारी है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को अगले सात दिनों तक अस्थायी शिविरों में रहने की सलाह दी है।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 27 Oct 2024 08:23 AM (IST)
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ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। चक्रवात 'दाना' के कमजोर होने के बावजूद ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में तेज हवा के साथ हो रही वर्षा के कारण निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति है। एक आकलन के मुताबिक चक्रवात से राज्य में 1.75 लाख एकड़ भूमि में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

इधर, मयूरभंज के सिमलीपाल पर्वतीय क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा के कारण बुधबलंगा, सोनो और कंसाबंसा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इससे बालेश्वर के नीलगिरि क्षेत्र के करीब 20 गांवों के अलावा निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं, जहां रेस्क्यू का कार्य जारी है।

इसी क्रम में ओडीआरएएफ व दमकल विभाग की टीम ने बालेश्वर में दो दिनों से छत पर फंसे तीन लोगों को शनिवार को सुरक्षित निकाल लिया। उधर, खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी का प्रभावित क्षेत्रों का प्रस्तावित हवाई दौरा शनिवार को स्थगित करना पड़ा।

एहतियात के तौर पर बालेश्वर के अलावा भद्रक, मयूरभंज, केंद्रापड़ा और केंदुझर जिलों में स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।

मौजूदा हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन माझी ने कहा है कि जबतक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, प्रभावित क्षेत्रों के लोग अगले सात दिनों तक अस्थायी शिविरों में रह सकते हैं, जहां उन्हें हर आवश्यक सुविधाएं पूर्ववत मिलती रहेंगी।

सात दिनों में मांगी रिपोर्ट

राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि चक्रवात पीडि़तों के पुनर्वास का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। नुकसान के आकलन को लेकर जिलाधीशों से सात दिनों के अंदर सर्वेक्षण रिपोर्ट तलब की गई है। इसके आधार पर नुकसान और मुआवजे का सटीक आकलन किया जाएगा।

तटीय क्षेत्रों में 22 लाख लोगों की बिजली सेवा बहाल कर दी गई है। संबंधित क्षेत्रों में कुल 427 जगहों पर लगभग 1150 पेड़ के गिरने की सूचना मिली थी, जिसे दमकल विभाग के कर्मचारियों ने काटकर हटा दिया है, आवागमन सामान्य हो गया है।

'दाना' ने बंगाल में ली तीन की जान

बंगाल में चक्रवात 'दाना' के कारण तीन और लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। कोलकाता व सुंदरवन में चक्रवात के कारण टूटे बिजली के तार से झटका लगने से दो लोगों की मौत हुईं।

वहीं हावड़ा में चक्रवात के कारण भारी बारिश से जलमग्न हुई एक सड़क पर गिरने से एक व्यक्ति की जान चली गई। इससे पहले पूर्व ब‌र्द्धमान जिले के बुदबुद इलाके में भी बिजली के तार की चपेट में आने से एक सिविक वालंटियर की मौत हो गई थी।

सांप के काटने से 28 लोग अस्पताल में भर्ती

चक्रवात ''दाना'' के दौरान सांप के काटने की घटना के बाद 28 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें 13 महिलाएं और एक डॉक्टर शामिल हैं।

शनिवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में चक्रवात की स्थिति का जायजा लेने के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सर्पदंश के सर्वाधिक मामले केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर से सामने आए हैं।

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