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ओडिशा में जल रहे हैं जंगल: 910 जगहों पर लगी आग, धूप बढ़ने के साथ होता जा रहा इनमें इजाफा, क्‍या होगा आगे?

ओडिशा के जंगलों में आग लगने की घटनाएं जैसे-जैसे बढ़ती जा रही हैं वैसे-वैसे जानवरों व आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की मुसीबतें भी बढ़ती जा रही हैं। हालांकि मंत्री प्रदीप कुमार अमात ने इसे रोकने के लिए कई योजनाएं तैयार किए जाने की बात कही है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Fri, 03 Mar 2023 10:56 AM (IST)
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ओडिशा में जगल में आग लगने की घटनाओं में इजाफा
जासं, भुवनेश्वर। ओडिशा के मयूरभंज के बारीपदा सर्कल से मलकानगिरी में एमवी-17 तक जंगल की आग ने कई स्थानों पर गंभीर रूप ले लिया है। नयागढ़, नुआपाड़ा, नवरंगपुर और कालाहांडी में स्थिति गंभीर है। धूप बढ़ने के साथ ही जंगल की यह आग अब प्रदेश वासियों के लिए चिंता का कारण बन गई है। खासकर इन जंगलों की आग की वजह से पहाड़ियों और जंगलों के पास रहने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। बावजूद इसके वन विभाग के अधिकारी यह कहते हुए अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं कि आग को बुझाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा जा रहा है। हालांकि, जमीनी स्तर पर इसका कितना सुफल मिल रहा उस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।

जलकर राख हो रहे हैं हेक्टेयर हेक्टेयर जंगल

विभाग के मंत्री को ना ही इसकी कोई इसकी चिंता है और न ही विभागीय सचिव को इस पर जिस तरह से सक्रिय रहना चाहिए, वह सक्रिय दिख रहे हैं। परिणाम स्वरूप हेक्टेयर हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो रहा है। भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसई) की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार दोपहर को ओडिशा के जंगलों से भयावह तस्वीर सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक देश भर के जंगलों में 399 स्थानों पर भीषण आग लगी है। इनमें से 107 स्थानों की पहचान ओडिशा में की गई है। एक तरफ जहां ज्यादातर जगहों पर दिन का तापमान काफी तेजी से बढ़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जंगल की आग में वृद्धि वन्यजीवों के लिए खतरा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो पर्यावरणविदों का मानना है कि स्थिति और खराब होगी।

इन प्रदेशों में भी जंगल में आग लगने की स्थिति है भयावह

अगर हम नवंबर से अब तक बड़े पैमाने पर लगने वाली जंगल की आग को देखते हैं, तो ओडिशा देश के शीर्ष पांच राज्यों में तीसरे स्थान पर है। आन्ध्र प्रदेश के जंगल में सर्वाधिक 547 जगहों पर आग लगी है, जबकि दूसरे स्थान पर कर्नाटक में 422 और तीसरे स्थान पर रहने वाले ओडिशा के जंगलों में 336 जगहों पर आग लगी है। इसके अलावा तेलंगाना में 321 और मध्य प्रदेश के 288 स्थानों पर आग लगी है।

ओडिशा में बढ़ रही हैं आग लगने की घटनाएं

पिछले सात दिनों में ओडिशा के जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं। 23 फरवरी से अब तक राज्य में 233 स्थानों पर भीषण आग लगने की बात पता चली है, जो जंगल में आग लगने की देश में दूसरी सर्वाधिक घटना है। अकेले आंध्र प्रदेश में इस दौरान 334 (ओडिशा से अधिक) जगहों में आग लगी है।

ओडिशा के कोरापुट सर्कल के भवानीपटना, मलकानगिरी, नवरंगपुर, रायगढ़ा, कोरापुट, भवानीपाटना सर्कल के नुआपाड़ा, कालाहांडी, सोनपुर, बरहमपुर सर्कल के गजपति, कंधमाल, गंजाम, भुवनेश्वर सर्कल के खुर्दा, नयागढ़, राउरकेला सर्कल के सुंदरगढ़, केंदुझर, बारीपदा सर्कल के केंदुझर, मयूरभंज, संबलपुर सर्कल के बारगढ़ जिले के अधिकांश जंगलों में बड़ी आग लगने की सूचना मिली है।

छोटे-छोटे अग्निकांड भी आ रहे हैं नजर 

दूसरी ओर, जंगलों में छोटी-छोटी आग लगने की घटना भी देखी गई है। सिमलीपाल सहित राज्य के प्रमुख जंगल और अभयारण्य में आग लगी है। जानकारी के अनुसार, एफएसई द्वारा 910 स्थानों पर जंगल की आग देखी गई है। नवंबर से अब तक आग लगने की 5,388 और पिछले सात दिनों में 2,262 घटनाएं हो चुकी हैं।

दावानल को रोकने के लिए कई योजनाएं

उधर, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रदीप कुमार अमात ने विधानसभा में बताया कि सिमलीपाल, बालीगुडा, बौद्ध सुंदरगढ़, फुलवाणी, कोरापुट सहित प्रदेश के विभिन्न वन क्षेत्रों में जंगल की आग को रोकने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला वन अग्नि प्रबंधन योजना तैयार की गई है। पंचायत स्तर के अधिकारी इस योजना में शामिल हैं और लोगों की सीधी भागीदारी से जंगल की आग को रोकने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं।

वन अग्नि प्रबंधन दिशा-निर्देश 2022 तैयार कर वन विभाग के ब्लॉक स्तर तक वितरित किए गए हैं। वन आग को रोकने के लिए वन विभाग के मुख्य कार्यालय के भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) उप-प्रभाग द्वारा तैयार ओडिशा वन प्रबंधन प्रणाली के तहत वन अग्नि प्रबंधन प्रणाली विकसित कर जंगलों में लगी आग को रोका जा रहा है।

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