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Bishnu Das Passed Away: ओडिशा के पूर्व राज्य मंत्री व तिर्तोल से बीजू जनता दल के विधायक बिष्णु दास नहीं रहे

Bishnu Das Pases away ओडिशा के पूर्व राज्य मंत्री और तिर्तोल से बीजू जनता दल के विधायक बिष्णु दास का सोमवार को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Mon, 06 Jul 2020 10:01 PM (IST)
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Bishnu Das Passed Away: ओडिशा के पूर्व राज्य मंत्री व तिर्तोल से बीजू जनता दल के विधायक बिष्णु दास नहीं रहे

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। Bishnu Das Passed Away: ओडिशा के पूर्व राज्य मंत्री और तिर्तोल से बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक बिष्णु दास का सोमवार को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वह अस्पताल में भर्ती थे। निधन के समय उनकी उम्र 66 वर्ष थी। वह छह बार विधायक व एक बार मंत्री तथा सांसद भी थे। जगत सिंह पुर से वह पांच बार तथा तिर्तोल से एक बार विधायक चुने गए थे। वह कुछ समय के लिए राज्यसभा में सांसद भी थे। वह स्कूल एवं जनशिक्षा मंत्री का दायित्व निभाए थे। 22 जून को उन्हें ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद राजधानी भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। 

वहीं, बिष्णु  दास के निधन पर शोक प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि जगत सिंह पुर क्षेत्र के विकास में उनका उल्लेखनीय अवदान है। दलित एवं उपेक्षित समाज के लोगों के हित के लिए वह पूरा जीवन लड़ाई लड़ते रहे और अपने जीवन को उत्सर्ग कर दिया। बीजद के संगठन को मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। जगत सिंह पुर जिले के बीजद अध्यक्ष तथा विधायक प्रशांत मुदुली ने भी गहर शोक प्रकट करते हुए कहा है कि जगत सिंह पुर को नया परिचय देने में विष्णु दास की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। 

अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दास को ब्रेन स्टोक होने के बाद उनके सिर में खून जम गया था। 23 जून की सुबह आपरेशन किया गया था। दास को डायबिटिस, ब्लडप्रेसर एवं अन्य बुढ़ापे की बीमारी से भी पीड़ित होने के कारण आईसीयू में रखा गया था। उनका स्वास्थ्य अवस्था स्थिर थी, मगर रविवार को अचानक उनकी तबियत और बिगड़ गई। डाक्टरी टीम के प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका है। छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े दास का जन्म 9 अक्टूबर 1954 को जगत सिंह पुर जिले में हुआ था। वह एसवीएम कालेज के छात्र संसद में तीन बार अध्यक्ष चुने गए थे।