ओडिशा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष महेश्वर मोहंती का निधन, पेशे से थे वकील; पर राजनीति में छोड़ गए गहरी छाप
Odisha News ओडिशा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष महेश्वर मोहंती अब हमारे बीच नहीं रहे। आज तड़के 3 बजकर 25 मिनट पर भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि मोहंती पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे जिसकी वजह से उनका एक नवंबर से भुवनेश्वर के केयर अस्पताल में इलाज चल रहा था।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री महेश्वर मोहंती का मंगलवार को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। मोहंती 31 अक्टूबर को अचानक बीमार पड़ गए थे, जिसके बाद एक सप्ताह से उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था।
प्राप्त जानकारी अनुसार, मोहंती का एक नवंबर से भुवनेश्वर के केयर अस्पताल में इलाज चल रहा था और आज तड़के 3 बजकर 25 मिनट पर उनका निधन हो गया।
1956 में हुआ था महेश्वर मोहंती का जन्म
महेश्वर मोहंती का जन्म 26 फरवरी, 1956 को हुआ था। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान में एमए करने के बाद, उन्होंने उत्कल विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई की। महेश्वर मोहंती पेशे से वकील थे। इसके बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया।
कब से कब तक संभाला विधानसभा अध्यक्ष का पद
उन्होंने 2004 से 2008 तक विधानसभा अध्यक्ष का पद संभाला। 2011 से 2019 तक, वे कई विभाग के मंत्री रहे। महेश्वर के पास पंचायती राज, राजस्व, कानून, पर्यटन, योजना और समन्वय जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे। इससे पहले, उन्हें पुरी के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
प्रेणनादायक है महेश्वर मोहंती का जीवन
1985 में, महेश्वर मोहंती ने पुरी नगरपालिका चुनावों में भाग लिया और अपने राजनीतिक जीवन में पहली सफलता हासिल की। 1985 से 1990 तक वह पुरी के मेयर रहे। 1992 में, मुख्यमंत्री के रूप में बीजू पटनायक के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने जनता दल के उम्मीदवार के रूप में उपाध्यक्ष पद के लिए सीधा चुनाव जीता।
जब मोहंती ने साक्षात्कार में बोली यह बात...
उस समय मोहंती को करीब 18,000 वोट मिले थे। इस संदर्भ में मोहंती ने उस समय एक साक्षात्कार में कहा था कि वह पहली बार 1985-90 में पुरी नगरपालिका के महापौर बने थे, तब उन्हें पार्षद द्वारा चुना गया था।
बाद में मार्च 1992 में, उन्हें मतदाताओं द्वारा सीधे चुना गया और उपाध्यक्ष बने। पुरी शहर को विकसित करने और लोगों की सेवा करने की उनकी इच्छा ने उन्हें राजनीति में खींच लिया।