Move to Jagran APP

ओडिशा किसानों को सरकार का तोहफा, 1 लाख रुपये तक के ब्याज मुक्त कृषि ऋण की घोषणा

Odisha News ओडिशा सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है। सरकार ने सस्ती ब्याज दर पर कृषि ऋण देने की व्यवस्था की है। इसके लिए 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए 5700 करोड़ रुपये के प्रावधान की मंजूरी दी गई है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार राज्य सरकार ने 0 प्रतिशत ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक फसल ऋण देने का फैसला किया है।

By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 22 Jul 2023 11:40 AM (IST)
ओडिशा किसानों को सरकार का तोहफा, 1 लाख रुपये तक के ब्याज मुक्त कृषि ऋण की घोषणा
ओडिशा किसानों को सरकार का तोहफा, 1 लाख रुपये तक के ब्याज मुक्त कृषि ऋण की घोषणा

 भुवनेश्वर (ओडिशा), एजेंसी : ओडिशा राज्य सहयोग विभाग ने शुक्रवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में किसानों के लिए सस्ती ब्याज दर पर कृषि में पर्याप्त ऋण देने की व्यवस्था की है।

इसके लिए 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए सहकारी बैंकों/ पैक्स को राज्य सेक्टर स्कीम "ब्याज सब्सिडी-सब्सवेंशन" के कार्यान्वयन के लिए 5700 करोड़ रुपये के प्रावधान की मंजूरी दी गई है।

शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक कृषि ऋण

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से प्रति वर्ष 0 प्रतिशत ब्याज दर (इंटरेस्ट फ्री ऋण) पर 1 लाख रुपये तक कृषि ऋण देने का फैसला किया है। इसके अलावा, 1 लाख रुपये से 3 लाख रुपये के कृषि ऋण के लिए, शीघ्र भुगतान करने वाले किसानों के लिए लागू दर 2 प्रतिशत है।

इससे पहले, कालिया योजना के तहत 50,000 रुपये तक ब्याज मुक्त कृषि ऋण प्रदान किया जा रहा था। वर्ष 2022-23 के दौरान, 32.43 लाख छोटे और सीमांत किसानों ने सहकारी बैंकों/पैक्स से प्रति वर्ष शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 1 लाख रुपये कृषि ऋण लिया था।

कृषि ऋण वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही ये संरचना

अब सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर पर कृषि ऋण देने पर सहकारी बैंकों/पीएसीएस को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए, ओडिशा सरकार सहकारी बैंकों/पीएसीएस को ब्याज सब्सिडी/अनुदान प्रदान कर रही है।

विभाग ने कहा कि ओडिशा राज्य में तीन स्तरीय "अल्पकालिक सहकारी ऋण संरचना (एसटीसीसीएस) है, जिसमें शीर्ष (राज्य) स्तर पर ओडिशा राज्य सहकारी बैंक, मध्य स्तर (जिला स्तर) पर 17 केंद्रीय सहकारी बैंक और 2710 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पीएसीएस) और जमीनी स्तर पर बड़े आकार की आदिवासी बहुउद्देशीय सहकारी समितियां (एलएएमपीसीएस) हैं। ये सभी कृषि ऋण वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

सहकारी समिति ने वर्ष 2000-01 में 6.40 लाख किसानों को 438.36 करोड़ रुपये से लेकर वर्ष 2022-23 में 34.57 लाख किसानों को 16683.57 करोड़ रुपये तक फसल ऋण वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।