Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

फ्री में इतना बड़ा ऑपरेशन! कटक SCB में किया गया हैप्लो बोन मैरो ट्रांसप्लांट, 10 साल से ब्लड कैंसर से पीड़ित को मिली नई जिदंगी

कटक एससीबी के खाते एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। यहां ब्लड कैंसर के मरीज पर सफलतापूर्वक हैप्लो बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया। ओडिशा में यह इस तरह का पहला प्रत्‍यारोपण है। यह राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की बड़ी कामयाबी है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इतना बड़ा ऑपरेशन डॉक्‍टरों ने मुफ्त किया। फिलहाल रोगी और स्टेम डोनर दोनों की हालत स्थिर है।

By Sheshnath Rai Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 10 Jan 2024 02:59 PM (IST)
Hero Image
कटक एससीबी में ब्लड कैंसर के मरीज पर किया गया हैप्लो बोन मैरो ट्रांसप्लांट।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा स्वास्थ्य विभाग को एक बड़ी सफलता मिली है क्योंकि ओडिशा में पहले बार कटक के एससीबी अस्पताल में एक दुर्लभ हैप्लो बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया है। यह दुर्लभ प्रत्यारोपण एससीबी मेडिकल कॉलेज में ब्लड कैंसर विभाग में किया गया है। नतीजतन, एससीबी ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है।

ट्रांसप्‍लांट के बाद रोगी और स्‍टेम डोनर की हालत स्थिर

प्रत्यारोपण के बाद रोगी और स्टेम डोनर दोनों की हालत स्थिर है। इससे पहले, हड्डी को 100 प्रतिशत दाताओं पर प्रत्यारोपित किया गया था, लेकिन यह 50 प्रतिशत मिलान करने वाले लोगों से स्टेम लेकर प्रत्यारोपित किया जाने वाला पहला था।

मुफ्त में डॉक्‍टरों ने कर दिया ऑपरेशन

मरीज के पिता सनातन साहू ने कहा है कि मेरा बेटा 10 साल से ब्लड कैंसर से पीड़ित है। मेरे बेटे का एससीबी में इलाज चल रहा था। मेरे छोटे बेटे का स्टेम लाया गया है और ट्रांसप्लांट किया गया है। छोटे भाई ने अपने बड़े भाई की जिंदगी बचा ली है। यह बोन मैरो ट्रांसप्लांट मुफ्त में किया गया है। यह डॉक्टरों की मदद से संभव हुआ है।

उल्लेखनीय है कि एससीबी में इससे पहले भी दुर्लभ ऑपरेशन किए जा चुके हैं। ईसीएमओ मशीन की मदद से युवक के श्वास नली से ट्यूमर निकाला गया। इसी तरह, एससीबी में एक दुर्लभ सर्जरी की गई और दाएं अंगूठे के स्थान पर बाएं पैर की अंगुली स्थापित की गई।

यह भी पढ़ें: ओडिशा के कॉलेज कैंपस में अब सिगरेट नहीं फूंक सकेंगे टीचर, देना होगा एंटी ड्रग घोषणा पत्र; स्‍टूडेंट्स पर पड़ेगा असर

यह भी पढ़ें: अब आड़ी-तिरछी हैंडराइटिंंग में पर्ची नहीं लिख पाएंगे डॉक्‍टर, हाई कोर्ट ने कहा- स्पष्ट या कैपिटल लेटर में लिखें प्रिस्क्रिप्शन