छात्राओं को चुपके से कमरे में बुलाकर हेडमास्टर करता था गंदा काम, 8 साल बाद कोर्ट ने सुनाई दस साल कैद की सजा
घटना साल 2015 की है। रायडीही प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपने कमरे में छात्राओं को बुलाकर उनके साथ अश्लील हरकतें करता था। बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो वह फरार हो गया लेकिन बाद में पकड़ा गया।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 06 Apr 2023 06:49 AM (IST)
जागरण संवादाता, राउरकेला। सुंदरगढ़ जिले के लेफरीपाड़ा प्रखंड अंतर्गत आने वाले रायडीही प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है। आरोपी प्रधान शिक्षक का नाम देवानंद पटेल है। उस पर 2015 में स्कूल में नाबालिग छात्राओं से दुष्कर्म करने का आरोप लगा था।
आज सुंदरगढ़ पॉक्सो कोर्ट ने पूर्व प्रधानाध्यापक को 10 साल कैद की सजा सुनाई है और 47 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर उसे 6 माह की अतिरिक्त कैद काटनी होगी। कोर्ट ने नाबालिग को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
प्रधानशिक्षक को लेकर अभिभावकों में आक्रोश
उस दौरान जब यह मामला सामने आया था तब सुंदरगढ़ के जिलाधिकारी भूपिंदर सिंह पुनिया ने मामले की जांच होने का निर्देश दिया था। इसके बाद सामने आई सच्चाई के आधार पर प्रधानशिक्षक को निलंबित किये जाने के साथ साथ उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।प्रधानशिक्षक के बारे में पीड़ित छात्राओं के परिजनों ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी। बता दें कि रायडीही निवासी देवानंद पटेल अपने ही गांव के प्राथमिक स्कूल में प्रधानशिक्षक के रूप में लंबे समय से कार्यरत था। स्कूल में 104 विद्यार्थी थे, जिनमें से 54 छात्राएं थीं।
छात्राओं को कमरे में बुलाकर करता था गंदा काम
प्रधानशिक्षक पर आरोप लगा था कि वह छात्राओं को बारी-बारी से अपने कमरे में बुलाता था और उनके साथ अश्लील हरकतें करता था। इतना ही नहीं, इस बारे में किसी से कुछ न कहने की भी धमकी देता था, लेकिन उसकी गंदी हरकतें जब दिन-प्रतिदिन बढ़ती गईं, तो छात्राओं में से किसी-किसी ने इस बारे में अपने परिवारवालों से बात की।घरवालों ने इसकी सूचना सुंदरगढ़ जिलापाल के अभियोग प्रकोष्ठ में दी। मामले ने तूल पकड़ा तो प्रधानशिक्षक मौका पाकर फरार हो गया। हालांकि, पुलिस ने छापेमारी जारी रखी और आखिरकार वह पकड़ा गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
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