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पुरी में बिना फायर सेफ्टी सिस्‍टम के चल रहे होटल-लॉज, नोटिस के बाद भी नहीं फायदा, क्‍या हादसों का है इंतजार?

पुरी बड़दांड सम्राच मार्केट काम्पलेक्स में लगी आग ने फायर सेफ्टी सिस्टम पर कई सवाल खड़े किए हैं और इस बीच खुलासा हुआ है कि शहर में कई ऐसे होटल लॉज और वाणिज्यिक भवन है जहां फायर सेफ्टी सिस्‍टम को बड़े ही आराम से नजरअंदाज कर दिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 13 Mar 2023 12:14 PM (IST)
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जगन्नाथ धाम पुरी शहर में तीन हजार इमारतों में नहीं है अग्नि सुरक्षा प्रणाली
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी बड़दांड सम्राट मार्केट कॉम्प्लेक्स में आग लगने के बाद पुरी शहर में फायर सेफ्टी सिस्टम को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। इमारत में अग्नि सुरक्षा प्रणाली और पीकेडीए नियोजन नियमों की अनदेखी को लेकर इलाके के निवासियों, बुद्धिजीवियों और वकीलों ने कार्रवाई में देरी पर संदेह व्यक्त किया है। जिला अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार राउत ने बताया कि सिर्फ यह इमारत ही नहीं, बल्कि पुरी शहर में ऐसे हजारों होटल, लॉजिंग, धर्मशालाएं बिना अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र, पीकेडीए प्लानिंग के चल रहे हैं। अगर जिला प्रशासन इस संबंध में सहयोग करता है तो हम आवश्यक कदम उठा सकते हैं।

अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र को हल्‍के में लेते लोग

अग्निशममन अधिकारी राउत ने कहा है कि पुरी शहर में 3,000 से अधिक होटल, आवास और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान भवन हैं। इस बीच, अग्निशमन विभाग द्वारा निरीक्षण के बाद अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के लिए पात्र के रूप में 300 संस्थानों की पहचान की गई है। इन 300 संस्थानों में से केवल 13 ने अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र लिया है।

बार-बार नोटिस देने के बावजूद अन्य लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने घर के लिए योजना बनायी है और फिर बाद में उसे होटल, लाजिंग आदि में तब्दील कर दे रहे हैं। यह कानून की दृष्टि से अपराध है। राउत ने कहा कि प्रशासन को इस संबंध में कार्रवाई करनी चाहिए।

बिना अग्नि सुरक्षा उपायों के चल रहे कई होटल-लॉज

दूसरी ओर, पहले भी कई शिकायतें मिली हैं कि पुरी में कई होटल, लॉजिंग, धर्मशालाएं, मार्केट कॉम्प्लेक्स बिना अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के चल रहे हैं। 2019 में पुरी विकास परिषद ने राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। परिषद ने अपनी शिकायत में कहा था कि पुरी शहर में 500 से अधिक होटल, 16 बाजार परिसर, चार धर्मशालाएं और कई लॉज अग्नि सुरक्षा उपायों के बिना चल रहे हैं। परिषद ने इसके खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई थी। इसके बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने पुरी के जिला कलेक्टर से स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी।

कुछ ही ने किया अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के लिए आवेदन

आयोग के आदेश के बाद पुरी सर्किल के तत्कालीन एडिशनल कलेक्टर ने डिप्टी फायर ऑफिसर से इसकी रिपोर्ट मांगी थी। उप अग्निशमन अधिकारी ने 14 जून, 2021 को पुरी के अतिरिक्त कलेक्टर को इस संबंध में एक रिपोर्ट भी सौंपी थी। पुरी में केवल 45 होटलों और लॉज ने अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। आवश्यक सत्यापन के बाद 13 होटलों और लॉजिंग को अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।

भविष्‍य के जोखिम पर नहीं किसी का ध्‍यान 

शेष 226 से अधिक होटल और लॉजिंग को अग्नि सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं और ऑनलाइन आवेदनों से अवगत कराया गया है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि कोई भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है इसलिए उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर से वाणिज्यिक लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारियों को मामले को देखने का निर्देश देने का आग्रह किया।

कब लोग होंगे जागरूक

24 अगस्त, 2021 को जिला कलेक्टर ने जवाब के तौर पर डिप्टी फायर ऑफिसर की रिपोर्ट, राज्य मानवाधिकार आयोग को सौंप दी थी। पत्र में नगर निकाय के कार्यकारी अधिकारी, शुल्क कलेक्टर, होल्डिंग टैक्स सेक्शन को पुरी शहर के अन्य होटल, लॉजिंग, धर्मशाला मालिकों को इस बारे में जागरूक करने का भी निर्देश दिया गया है। लेकिन जिला प्रशासन का यह कदम सिर्फ पत्रों तक ही सीमित रह गया है।

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