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Odisha News : कैसे मिलेगा बच्चों को उच्चा शिक्षा? 30 साल बाद भी ओडिशा के इस जिले में सरकारी कॉलेज नहीं

Odisha News उच्च शिक्षा महरूम राज्य के दस जिलों में कला विभाग की सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने के लिए राज्य सरकार ने अनुमति दी है। आगामी सेशन में पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। नये सरकारी कालेज खोलने की अनुमति जहां भी दी गई है वह आदिवासी बहुल जिले हैं। हालांकि एक बार फिर से झारसुगुड़ा जिले को झटका लगा है।

By Kamal Kumar Biswas Edited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 08 Jan 2024 04:38 PM (IST)
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कैसे मिलेगा बच्चों को उच्चा शिक्षा? 30 साल बाद भी ओडिशा के इस जिले में सरकारी कॉलेज नहीं
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा। उच्च शिक्षा महरूम राज्य के दस जिलों के अंतर्गत आने वाले 18 प्रखंडों में कला विभाग की सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने के लिए राज्य सरकार ने अनुमति दी है। आगामी शिक्षा वर्ष में इसमें पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

जिन 18 ब्लॉकों में नये सरकारी कालेज खोलने की अनुमति दी गई है, आदिवासी बहुल जिले है, लेकिन एक बार फिर से झारसुगुड़ा जिले की उपेक्षा की गई है। झारसुगुड़ा जिले में आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है, लेकिन इसके बावजूद आज तक यहां एक भी सरकारी कॉलेज नहीं खोला जा सका है।

30 साल के बाद भी जिले में सरकारी कॉलेज नहीं

जिले के सबसे पुराने लक्ष्मी नारायण कॉलेज को सरकारी मान्यता दिए जाने क मांग सालों से की जा रही है, लेकिन आज तक मान्यता नहीं मिल पाई है। जिले के लोगों में सवाल उठने लगे है। अभी एक जनवरी को ही जिला गठन के 30 साल पूरे हुए, मगर यहां एक भी सरकारी कॉलेज नहीं है।

पिछले साल केवल एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय ही जिले में खोला गया था। इसके अलावा 4 वोकेशनल सरकारी कॉलेज है। इन पांचों को छोड़ कर जिले में प्लस टू की पढ़ाई के लिऐ अन्य 25 निजी व अनुदान प्राप्त संस्थान है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, जिले मे 10 डिग्री कॉलेज है। हालांकि, इसमें भी कोई भी पूर्ण रूप से सरकारी नहीं है।

ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए जिले में एक भी कॉलेज नहीं

जिले के झारसुगुड़ा महिला महाविद्यालय, बेलपहाड कॉलेज, महिमा डिग्री कॉलेज, कुमारबंध आंचलिक डिग्री कॉलेज व पीकेएस डिग्री कॉलेज जैसे पुराने कॉलेजों को आज तक सरकारी मान्यता नहीं मिल पाई है।

केवल इतना ही नहीं, छात्र-छात्राएं इन निजी व अनुदान प्राप्त कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब स्नाकोत्तर व पीजी के लिए की तैयारी करते है तो उन्हें जिले में कोई भी कॉलेज नहीं मिलता है। इसी प्रकार जिले में बीएड पाठय क्रम नहीं खुल पाया है। झारसुगुड़ा जिला में पांच प्रखंडों में एक में भी सरकारी कालेज नहीं है, जबकि जिले के पांच ब्लॉकों में लैयकरा, किरमिरा व कोलाबीरा ब्लॉक आदिवासी अनुसूचित प्रखंड है।

वहीं लैयकरा व किरमिरा प्रखंड को आईटीडीए प्रखंड घोषित किया जा चुका है। इसके बाद भी सरकारी कॉलेज की अनुमति नहीं मिली है। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस संबंध में सभी राजनीतिक दल, प्रशासनिक अधिकारी भी मौन है।

विदित हो कि जब झारसुगुड़ा जिला का गठन हुआ था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री बीजु पटनायक ने जिले में सरकारी कॉलेज खोलने का अश्वासन दिया था, जो आज तक पूरी नहीं हो पाई है।

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