Odisha News: 'S' आकार की हो गई थी लड़की की रीढ़ की हड्डी, कीम्स के डॉक्टरों ने की सफल सर्जरी
Idiopathic Scoliosis ओडिशा में एक लड़की लंबे समय से स्कोलियोसिस नामक गंभीर रीढ़ की समस्या से जूझ रही थी। कीम्स के डॉक्टरों ने हड्डी की सफलतापूर्वक सर्जरी की है। डॉ. राउत ने बताया कि लड़की की रीढ़ की हड्डी एस आकार की हो गई थी जो भविष्य में उसके लिए और अधिक समस्याएं पैदा कर सकती थी। कुछ दिनों के आराम के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकती है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। कीम्स के डॉक्टरों ने एक लड़की की घुमावदार रीढ़ की हड्डी की सफलतापूर्वक सर्जरी की है। लंबे समय से स्कोलियोसिस नामक गंभीर रीढ़ की समस्या से जूझ रही लड़की के माता-पिता प्रतिष्ठित अस्पताल से निराश होने के बाद कीम्स के डॉक्टर के पास गए थे।
कीम्स के डॉक्टर ने दिया तत्काल सर्जरी का सुझाव
ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार राउत ने मरीज को 'इडियोपैथिक स्कोलियोसिस' नामक रीढ़ की हड्डी की समस्या का निदान किया और तत्काल सर्जरी का सुझाव दिया। सर्जरी विभाग के डॉ. संजीव गिरी और डॉ. राजमोहन ने लड़की की घुमावदार रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की है।
'एस' आकार की हो गई थी रीढ़ की हड्डी
डॉ. राउत ने बताया कि लड़की की रीढ़ की हड्डी 'एस' आकार की हो गई थी, जो भविष्य में उसके लिए और अधिक समस्याएं पैदा कर सकती थी। कीम्स में कुशल डॉक्टरों, उन्नत तकनीक और उपकरणों की उपलब्धता के कारण रीढ़ की हड्डी की ऐसी दुर्लभ सर्जरी संभव हुई। मरीज अब पूरी तरह से ठीक हो गई है। डॉक्टर राउत ने कहा कि कुछ दिनों के आराम के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकती है।
बीमारी के इलाज को लेकर डॉ. ने क्या बताया?
डॉ. राउत ने कहा कि यह बीमारी आमतौर पर 10 से 15 साल की उम्र के बीच दिखाई देती है। यदि बीमारी का तुरंत इलाज किया जाता है और सही समय पर इलाज हो जाता है तो बीमारी ठीक हो जाती है। इस बीमारी की वजह से मरीज के आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान पर असर पड़ सकता है।
ऐसे मरीज अक्सर मजाक और उपहास का पात्र बनते हैं। इसका इलाज छोटी उम्र से ही कराना चाहिए, नहीं तो उम्र के साथ इसका इलाज और भी जटिल हो जाता है।
गौरतलब है कि, ओडिशा के किसी निजी अस्पताल में पहली बार रीढ़ की हड्डी की इतनी जटिल सर्जरी की गई है। इस सर्जरी में आमतौर पर 7-8 घंटे लगते हैं, लेकिन किम्स की मेडिकल टीम ने इस सफल सर्जरी को महज 4 घंटे में पूरा कर दिया।