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ओडिशा सरकार ने लिया महत्‍वपूर्ण निर्णय: नक्सली वारदात में मृत्यु होने पर मिलेगी दोगुनी सहायता राशि

लोकसेवा भवन में मुख्य प्रशासनिक सचिव सुरेश चन्द्र महापात्र की अध्यक्षता में हुई महत्‍वपूर्ण बैठक में ओडिशा सरकार ने ने नक्सल मुकाबला के लिए अनुदान को 50 प्रतिशत बढ़ा दिया है। शहीद परिवार को अब 40 लाख एवं सामान्य लोगों को 5 लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी।

By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapUpdated: Sat, 08 Oct 2022 10:56 AM (IST)
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ओडिशा सरकार ने नक्सल मुकाबला के लिए अनुदान को 50 प्रतिशत बढ़ा दिया है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा सरकार (Odisha Government) ने नक्सल मुकाबला में नियोजित सुरक्षा कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को विशेष महत्व देते हुए नक्सली वारदात में शहीद होने सुरक्षा कर्मचारी एवं सामान्य लोगों को मिलने वाली सहायता राशि को सरकार ने दोगुना कर दिया है।

सरकार ने नक्सल मुकाबला के लिए अनुदान को 50 प्रतिशत बढ़ा दिया है। शहीद परिवार को 40 लाख एवं सामान्य लोगों को 5 लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी। इससे पहले यह राशि शहीद परिवार को 20 लाख जबकि सामान्य लोगों की मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए मिल रहा था जिसे बढ़ाकर सरकार ने अब क्रमश: 40 लाख एवं 5 लाख रुपया कर दिया है।

सुरेश चन्द्र महापात्र की अध्यक्षता में हुई बैठक

मुख्य प्रशासनिक सचिव सुरेश चन्द्र महापात्र की अध्यक्षता में लोकसेवा भवन में आयोजित नक्सल मुकाबला को लेकर महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया है। यदि कोई नक्सल विरोधी अभियान में कोई सुरक्षा कर्मचारी

शहीद होता है तो उसके परिवार को 40 लाख रुपया सहयाता राशि मिलेगी। उसी तरह से इस अभियान में यदि किसी सामन्य व्यक्ति की मृत्यु होती है तो फिर उसके परिवार को 5 लाख रुपया मिलेगा।

बैठक में 8585 करोड़ रुपया मंजूर

नक्‍सल विरोधी अभियान एवं आगामी कार्यक्रम से संबंधित समीक्षा बैठक में इसका अनुमोदन मिला है। इसके साथ ही राज्य में आतंकवाद विरोधी कार्यक्रम, उग्र वामपंथी कार्यकलाप करने के लिए इस आर्थिक अनुदान को पिछले साल के तुलना में 50 प्रतिशत राशि बढ़ायी गई है। बैठक में 8585 करोड़ रुपया मंजूर किया गया है।

केन्‍द्र सरकार व राज्‍य सरकार दोनों करेंगे योगदान

खासकर उग्र नक्सल प्रभावित जिलों में सामान्य आ​वगमन व्यवस्था को ठीक करने पर महत्व दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों को आधारभूमि निर्माण में सहभागी बनाने के साथ ही उनका सहयोग लेने के लिए बैठक में महत्व

दिया गया है। वर्तमान समय में नक्सल प्रभावित जिलों में स्थिति नियंत्रण में है। स्थानीय जन प्रतिनिधि इलाके में विकास कार्य को गति दे रहे हैं। मंजूर की गई राशि में से केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत जबकि राज्य सरकार का 40 प्रतिशत का योगदान है।

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