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प्रदूषण को देखते हुए सख्‍त हुई ओडिशा सरकार, दिवाली में पटाखे फोड़ने पर लगा दिया प्रतिबंध; पुलिस-प्रशासन की रहेगी निगरानी

ओडिशा में प्रदूषण के बढ़ते स्‍तर को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अगर इस दौरान किसी भी तरह की चूक हुई तो विभिन्न स्तरों पर संबंधित शीर्ष अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। दिवाली में सिर्फ राज्य में केवल हरित पटाखों की अनुमति होगी वह भी बस शाम के छह बजे से रात के दस बजे तक।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 09 Nov 2023 02:16 PM (IST)
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ओडिशा में पटाखों के बनाने व बेचने पर लगा प्रतिबंध।

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। खतरनाक प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूरे देश में हरित पटाखों का उपयोग और बेरियम नाइट्रेट युक्त पटाखों पर प्रतिबंध के निर्देश के बाद ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

पटाखों के बनाने व बेचने पर लगा प्रतिबंध

शीर्ष अदालत ने हाल ही में निर्देश का खुलेआम उल्लंघन को देखते हुए चेतावनी दी है कि किसी भी चूक के लिए विभिन्न स्तरों पर संबंधित शीर्ष अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव के मुरुगेसन ने कहा कि 125 डीबी के ध्वनि स्तर से अधिक वाले पटाखों को बाजार में बनाने या बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

125 डीबी से अधिक का उत्पादन करने वाले पटाखों में आमतौर पर बेरियम नाइट्रेट होते हैं जो अत्यधिक धुआं (पार्टिकुलेट मैटर 2.5) उत्पन्न करते हैं जिससे उच्च प्रदूषण के साथ स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं।

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6 बजे से रात 10 बजे के बीच पटाखे फोड़ने की मिली अनुमति

उन्होंने कहा कि दिवाली समारोह के दौरान राज्य में केवल हरित पटाखों की अनुमति होगी, जबकि बेरियम नाइट्रेट वाले रासायनिक पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिशानिर्देशों के अनुसार, लोग दिवाली के दिन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के बीच पटाखे फोड़ सकते हैं।

शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सुविधाओं और धार्मिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं होगी। वहीं पंजीकृत पटाखा निर्माताओं को अपने पटाखों में इस्तेमाल होने वाले रसायनों सहित संरचना का उल्लेख करना होगा।

निर्माताओं को थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को अपने उत्पाद बेचने से पहले पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त करना होगा।

प्रशासन करेगी सख्‍ती से निगरानी

जिला प्रशासन दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेगा। मुरुगेसन ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को 125 डीबी से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यदि आवश्यक हुआ तो हम उन्हें सहायता भी प्रदान करेंगे।

बोर्ड के सदस्य पटाखों से निकलने वाली ध्वनि को मापने वाले दस्तों का हिस्सा होंगे और पुलिस उपरोक्त नियम के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

हालांकि ओडिशा के विभिन्न जिलों में दीवाली के पहले से ही बेरियम नाइट्रेट वाले पटाखे फुटने की सूचना मिल रही है जो निर्धारित 125 डेसिबल से ज्यादा शक्तिशाली आवाज उत्पन्न कर रहे हैं।

प्रदूषण के चलते लिया गया फैसला

गौरतलब है कि अप्रैल में, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने अपनी वार्षिक शीतकालीन प्रदूषण रिपोर्ट में कहा था कि ओडिशा के लोग सर्दियों के मौसम के दौरान जहरीले कण प्रदूषण की गंभीर चपेट में आ रहे हैं।

1 अक्टूबर, 2022 और फरवरी 2023 के बीच ओडिशा 63pg/m3 के मौसमी प्रदूषण औसत के साथ देश मे तीसरे स्थान पर था, जबकि अनुगुल जिला का तालचेर कोयलांचल क्षेत्र (75 pg/m3) के साथ सबसे अधिक प्रदूषित था।

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