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Jagannath Puri: महाप्रभु जगन्नाथ के 'रत्न भंडार' के अंदरूनी कक्ष से क्या मिला? सुरंग को लेकर सामने आई ये जानकारी

महाप्रभु जगन्नाथ का आंतरिक रत्न भंडार आज 46 साल बाल शुभ मुहूर्त पर खोला गया। रत्न भंडार से सभी तरह के रत्नों को निकालकर स्ट्रॉन्ग रूम में शिफ्ट कर दिया गया। जगन्नाथ महाप्रभु के प्रथम सेवक गजपति महाराज ने बताया कि रत्नों की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सभी गहनों एवं मूल्यवान सामग्री को शिफ्ट करने के बाद कपाट को सील किया कर दिया गया है।

By Sheshnath Rai Edited By: Rajat Mourya Updated: Sat, 20 Jul 2024 11:04 AM (IST)
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46 साल बाद खुला महाप्रभु जगन्नाथ का 'रत्न भंडार' (फोटो- ANI)
जागरण संवाददाता, पुरी। Jagannath Puri Mandir Ratna Bhandar देश एवं दुनिया में चर्चा के केंद्र में रहने वाले पुरी जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक रत्न भंडार को गुरुवार को शुभ मुहूर्त सुबह 9:51 बजे खोला गया।

मंदिर में प्रवेश करने से पहले रत्न भंडार जांच कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ, मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी एवं टीम ने रथ पर विराजमान महाप्रभु का आशीर्वाद लिया। सुबह 9 बजे जस्टिस रथ मंदिर के मुख्य द्वार पहुंचकर मंदिर में प्रवेश करने से पहले महाप्रभु को दंडवत प्रणाम किया।

इनके साथ ही 11 सदस्यीय टीम भी मंदिर में पहुंची। वहीं, कुछ समय बाद पुरी गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव दक्षिण द्वार से मंदिर में प्रवेश किए और रत्न भंडार का निगरानी करने के बाद वापस लौट आए।

जस्टिस रथ के नेतृत्व में टीम के मंदिर में पहुंचने के बाद ट्रेजरी से रत्न भंडार की चाबी लाई गई और शुभ मुहूर्त ठीक 9:51 बजे रत्न भंडार का ताला खोला गया। रत्न भंडार का ताला खोलने के बाद रत्नों को मंदिर के अंदर बनाए गए स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। 

पुरी जगन्नाथ मंदिर में जाते गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव। फोटो- जागरण

वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर के चारों तरफ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मंदिर के अंदर ओडीआरएएफ टीम, दमकल टीम, मेडिकल टीम, कटर, जनरेटर, मेटल डिटेक्टर टीम, स्नेक हेल्पलाइन टीम तैनात रही। सिंहद्वार को छोड़कर मंदिर के अन्य तीन द्वार को बंद करने के साथ ही भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था। 

उल्लेखनीय है कि रत्न भंडार जांच कमेटी की टीम के आंतरिक रत्न भंडार में प्रवेश करने से पहले ओडीआरएएफ, स्नेक हेल्प लाइन टीम रत्न भंडार में प्रवेश की। टीम के बाहर आने के बाद जांच कमेटी मंदिर के अंदर प्रवेश की और आंतरिक रत्न भंडार में जाकर वहां रखे अलंकारों को स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित किया गया।

रत्न भंडार की मरम्मत के बाद होगी रत्नों की गिनती: गजपति महाराज 

पुरी जगन्नाथ मंदिर के अंदरूनी रत्न भंडार को पूर्व निर्धारित समय पर खोला गया। रत्न भंडार खाली होने के बाद इसे एएसआई को सुपुर्द किया जाएगा। रत्न भंडार में जो सुरंग होने की बात कही जा रही है, वह एएसआइ जांच एवं लेजर स्केनिंग से स्पष्ट होगी। ये बातें पुरी के राजा सह जगन्नाथ महाप्रभु के प्रथम सेवक गजपति महाराज ने रत्न भंडार से बाहर निकलने के बाद मीडिया से कही है। 

गजपति महाज ने कहा है कि आंतरिक रत्न भंडार के रत्नों को निकालकर स्ट्रांग रूम में रखा गया है। रत्नों की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सभी गहना एवं मूल्यवान सामग्री रखने के बाद कपाट को सील किया गया और चाबी मंदिर की ट्रेजरी में रखी गई। रत्न भंडार पूरी तरह से खाली होने के बाद हाई टेक्नोलाजी के माध्यम से निरीक्षण किया जाएगा। जब यह सुनिश्चित हो जाएगा की इसमें और कुछ नहीं है।

इसके बाद इसे एएसआइ को स्थानांतरित किया जाएगा। गजपति महाराज ने कहा कि इसका कब मरम्मत किया गया था, इसका प्रमाण हमारे पास नहीं है। 1971 में एएसआई के गठन के बाद से तो मरम्मत नहीं हुआ है। एएसआइ भीतर एवं बाहर भंडार का मरम्मत करेगा। इसके बाद रत्नों की मरम्मत एवं गिनती का कार्यक्रम शुरू होगा। 

इसके बाद सभी गहना चरणबद्ध तरीके से रत्न भंडार में लिया जाएगा। इन सब कार्यों में समय लगेगा। रत्न भंडार मरम्मत कार्य जब तक खत्म नहीं हो जाता है तब तक आभूषणों का मरम्मत एवं गिनती कार्य नहीं होगा। क्योंकि रत्नों की मरम्मत व गिनती कार्य रत्न भंडार के अंदर ही किया जाएगा।

प्रोटोकल एवं समय के अनुसार पारंपरिक पोशाक में मंदिर के अंदर पहुंचे हैं। मंदिर में पहुंचने के बाद ट्रेजरी से चाबी लायी गई। इसके बाद आंतरिक रत्न भंडार खोला गया। इससे पहले 14 जुलाई को रत्न भंडार खोला गया गया था। - सिद्धार्थ शंकर स्वांई, जिलाधीश पुरी। 

सभी कार्य स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (एसओपी) में किया गया। पहले दिन की ही तरह आज भी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मंदिर के चारों तरफ हाई लेवल सुरक्षा व्यवस्था की गई है। - पिनाक मिश्र, पुलिस अधीक्षक, पुरी।

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