जगन्नाथ रथ यात्रा की सभी तैयारियां पूरी, सिंहद्वार के सामने लगाए गए तीनों रथ; CM माझी ने बड़दांड में लगाई झाड़ू
कल से पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा शुरू हो रही है और इस साल ये दो दिनों के लिए आयोजित की गई है। इन दोनों दिन यहां रथ खींचे जाएंगे। इसको लेकर पुरी जगन्नाथ धाम में सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और सभी भक्त यहां आने के लिए तैयार हैं। रथ यात्रा के चलते शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
जागरण टीम, पुरी। Puri Jagannath Rath Yatra 2024 महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा इस वर्ष 7 एवं 8 जुलाई दो दिन मनायी जाएगी। दो दिन रथ खींचे जाएंगे। ऐसे में इस ऐतिहासिक रथयात्रा को शांति पूर्ण एवं व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न करने की सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर ली गई है।
लाखों भक्तों का स्वागत करने के लिए पुरी जगन्नाथ धाम सज्ज हो गया है। रथायात्रा के लिए रथ, पथ और भक्त सभी तैयार हैं। शहर को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है। खासकर इस वर्ष की रथयात्रा में खुद देश की महामहिम राष्ट्रपति पहुंच रही हैं, ऐसे में सुरक्षा के और अधिक पुख्ता इंतजाम जगन्नाथ धाम किए गए हैं।
सीएम माझी टीम के साथ पुरी पहुंचे
खुद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी शनिवार को अपनी टीम के साथ पुरी पहुंचे और प्रभु का स्वागत करने के लिए बड़दांड में झाडू लगातर बड़दांड की सफाई की। इसके साथ ही एक-एक कर रथयात्रा के लिए की गई तमाम तैयारियों का जायजा लिया।वहीं पहले से निर्धारित रीति नीति के तहत शनिवार को महाप्रभु की सुबह की धूप सम्पन्न होने के बाद जगन्नाथ मंदिर से रथखला के लिए आज्ञा माला लाया गया। तीन रथ के पूजा पंडा सामन्त के द्वारा पटिदिअं से रथ के लिए आज्ञा लाए जाने के बाद रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई।
रथखला में सज धजकर तैयार तीनों रथों को पुलिस अधिकारी एवं भक्त खींचकर से जगन्नाथ मंदिर के सामने सिंहद्वार लाए। इस दौरान पूरा जगन्नाथ धाम जय जगन्नाथ के जयघोष गूंजयमान हो गया।
रथ यात्रा के दिन ही नवयौवन और नेत्रोत्सव विधि होगी सम्पन्न
परंपरा के अनुसार सबसे पहले जगन्नाथ महाप्रभु के नंदीघोष रथ, इसके बाद सुभद्रा जी के दर्पदलन एवं अंत में तालध्वज रथ को खींचकर लाया गया। हालांकि इस वर्ष भक्तों को चतुर्धा विग्रहों के नवयौवन वेश का दर्शन नहीं हो पाया है क्योंकि इस वर्ष, रथ यात्रा के दिन ही नवयौवन और नेत्रोत्सव विधि सम्पन्न की जाएगी।
महाप्रभु प्रभु के स्वाग्त के लिए रत्न वेदी से जन्म वेदी तक जाने वाले मार्ग (बड़दांड) को सजाया संवारा जा रहा है। क्योंकि रविवार को चतुर्धा विग्रहों की पहंडी बिजे होगी और चक्रराज सुदर्शन, देवि सुभद्रा, प्रभु बलभद्र एवं जगत के नाथ जगन्नाथ जी को पहले सिंहद्वार के सामने सुसज्जित खड़े तीनों रथों पर रथारूढ किया जाएगा।
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