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Jagannath Rath Yatra 2024: 'ये लीलामय की लीला...', प्रभु बलभद्र का चारमाल गिरने ऐसा क्यों बोलीं ओडिशा की डिप्टी CM?

Jagannath Rath Yatra 2024 जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान श्रीगुंडिचा मंदिर में पहंडी के दौरान प्रभु बलभद्र जी का चारमाल गिर गया जिससे पांच से अधिक सेवादार घायल हो गए थे। इलाज के बाद सभी सेवादार स्वस्थ हैं और सेवा में लौट आए हैं। इस बीच राज्य के डिप्टी सीएम प्रभाति परिड़ा की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि यह सब लीलामय की लीला है।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 11 Jul 2024 11:17 AM (IST)
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श्रीगुंडिचा मंदिर में पहंडी के दौरान प्रभु बलभद्र जी का चारमाल गिरने की घटना। (जागरण फोटो)

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Jagannath Rath Yatra 2024 प्रभु बलभद्र जी को आड़प मंडप ले जाने के दौरान प्रभु बलभद्र जी का चारमाल गिरने की घटना घटना पर उपमुख्यमंत्री प्रभाति परिड़ा की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि यह लीलामय की लीला है। हमने मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी दे दी है।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद सेवादारों को उपचार मुहैया कराया गया है। किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है। प्राथमिक उपचार के बाद सेवादार सेवा में शामिल हो गए हैं।

कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा है कि यह एक आम दुर्घटना है। मैंने रात करीब 12.30 बजे मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी दी। भविष्य में और अधिक सावधानी बरती जाएगी।

सीएम माझी ने दिए उचित कदम उठाने के निर्देश

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कल पुरी में आडप मंडप बलभद्र जी के चारमाल गिरने की घटना को गंभीरता से लिया है।

मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त किया और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को तत्काल पुरी भेजा। मुख्यमंत्री ने कानून मंत्री को उचित कदम उठाने का भी निर्देश दिया।

उधर, मुख्यमंत्री के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री प्रभाति परिड़ा भी पुरी गईं और अस्पताल जाकर सेवादारों से मिली।उप मुख्यमंत्री परिड़ा और कानून मंत्री श्रीहरिचंदन ने घटनास्थल का दौरा किया और घायलों के इलाज के लिए कदम उठाए।

कैसे घटी थी घटना

बता दें कि 9 जुलाई (मंगलवार) की शाम करीब 7.30 बजे चतुर्धा विग्रहों को मौसी घर में विराजमान करने के लिए अनुष्ठान शुरू हुआ। सबसे पहले चक्रराज सुदर्शन को पहंडी में आड़प मंडप में लाया गया। इसके बाद प्रभु बलभद्र को तालध्वज रथ से पहंडी में लाया गया था।

प्रभु बलभद्र को पहंडी में ले जाते समय बलभद्र की मूर्ति झुक गई। सेवक मूर्ति को सावधानी से पकड़े हुए थे, जिससे मूर्ति तो नीचे नहीं गिरी। इस घटना में पांच से अधिक सेवादार घायल हो गए थे। हालांकि, उपचार के बाद अब वे सभी स्वस्थ हैं और दोबारा सेवा में शामिल हो गए हैं।

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