ओडिशा से महाराष्ट्र चले जाएंगे 40 हजार करोड़? उद्योग मंत्री बोले- JSW से ईवी परियोजना पर कर रहे बातचीत
Odisha News ओडिशा में विधानसभा चुनावों के बाद बनी नई सरकार के हाथ से एक बड़ी परियोजना फिसल सकती है। प्रदेश में जेएसडब्ल्यू समूह की 40 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की इस परियोजना का लाभ महाराष्ट्र को मिल सकता है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि समूह के साथ बातचीत जारी है। बता दें कि इस निवेश के लिए बीजद सरकार में समझौता हुआ था।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। जेएसडब्ल्यू समूह जिसने ओडिशा सरकार के साथ राज्य में 40000 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी परियोजना स्थापित करने के लिए समझौता किया था, अब इसे महाराष्ट्र में स्थानांतरण करने की योजना बना रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जेएसडब्ल्यू अब महाराष्ट्र के औरंगाबाद और नागपुर को ईवी बैटरी परियोजना के लिए शीर्ष विकल्प के रूप में मान रही है।
सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाले समूह जेएसडब्ल्यू समूह ने एकीकृत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और ईवी बैटरी विनिर्माण परियोजना स्थापित करने के लिए इस साल 10 फरवरी को बीजद सरकार के साथ समझौता किया था।
क्या था समझौता?
समझौते के अनुसार, जेएसडब्ल्यू समूह ने कटक के नराज में एक ईवी वाहन और घटक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसी तरह, जगतसिंहपुर के पारादीप में एक तांबा स्मेल्टर और लिथियम रिफाइनरी संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी। इस परियोजना में 50 जीडब्ल्यूएच ईवी बैटरी प्लांट, ईवी, लिथियम रिफाइनरी, कॉपर स्मेल्टर और संबंधित घटक निर्माण इकाइयां शामिल हैं।
राज्य मंत्रिमंडल द्वारा समूह की महत्वाकांक्षी ईवी और कलपुर्जा निर्माण परियोजनाओं के लिए कटक के नराज और जगतसिंहपुर जिले के पारादीप में विशेष प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दिए जाने के दो सप्ताह बाद समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
क्या कह रहे ओडिशा के उद्योग मंत्री
दूसरी ओर, उद्योग मंत्री संपद चंद्र स्वांई ने कहा है कि जेएसडब्ल्यू की ओडिशा से परियोजना को स्थानांतरित करने की योजना को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। हम जेएसडब्ल्यू के साथ बातचीत कर रहे हैं। चर्चा के निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
उन्होंने परियोजना को ओडिशा से स्थानांतरित करने के लिए अंतिम रूप नहीं दिया है और हमें इसके बारे में सूचित भी नहीं किया गया है। कई मौकों पर परियोजनाओं को शुरू करने में अत्यधिक देरी होती है और जेएसडब्ल्यू के साथ भी ऐसा ही है।यह भी पढ़ेंओडिशा में वृद्धा पेंशन और दिव्यांग भत्ता पाने वालों की दुर्दशा का अंत नहीं! कई KM पैदल चली बुजुर्ग, फिर भी नहीं मिली पेंशन
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