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उड़ीसा हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह 7 फरवरी को लेंगे शपथ, वकालत में है लंबा अनुभव

उड़ीसा हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर चक्रधारी शरण सिंह 7फरवरी को शपथ लेंगे। इससे पहले वह पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश की जिम्‍मेदारी संभाल रहे थे। वकालत के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है। राज्‍यपाल रघुवर दास उन्‍होंने 7 फरवरी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। उड़ीसा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनके नाम की सिफारिश 2023 में की गई थी।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 05 Feb 2024 04:35 PM (IST)
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उड़ीसा हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह फरवरी 7 को लेंगे शपथ।

संवाद सहयोगी,कटक। उड़ीसा हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर चक्रधारी शरण सिंह आगामी फरवरी 7 तारीख को शपथ लेंगे। पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश को उड़ीसा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति केंद्र कानून मंत्रालय की ओर से दिए जाने के पश्चात उनके शपथ विधि उत्सव आगामी फरवरी 7 तारीख यानि बुधवार की पूर्वाह्न को 10:00 बजे हाई कोर्ट के पुरानी इमारत के पास मौजूद पूर्वी लॉन में किया जाएगा।

राज्‍यपाल दिलाएंगे पद एवं गोपनीयता की शपथ

उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास उन्हें पद एवं गोपनीयता का शपथ देंगे। इस मौके पर उड़ीसा हाई कोर्ट के तमाम न्यायाधीश गण, पूर्व न्यायाधीश गण और अन्य कई गण मान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे।

उनके शपथ विधि समारोह के बारे में उड़ीसा हाई कोर्ट डेप्युटी रजिस्टार एडमिनिस्ट्रेशन एंड प्रोटोकॉल की ओर से मीडिया को जानकारी दी गई है।

गौरतलब है कि वर्ष 2023, नवंबर 2 तारीख को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम जस्टिस सिंह के नाम की उड़ीसा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई थी उसके पश्चात केंद्र कानून मंत्रालय की ओर से हाल ही में विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी।

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से की है पढ़ाई

विदित है कि जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह वर्ष 1963 जनवरी 20 तारीख को पैदा हुए थे। दिल्ली विश्वविद्यालय (कैंपस लॉ सेंटर) से एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद वर्ष 1990 अक्टूबर, 30 तारीख को वह वकील के तौर पर कार्य शुरू किए थे।

वर्ष 1998 में केंद्र सरकार की ओर से वह मामला संचालन करने के लिए अतिरिक्त स्टैंडिंग काउंसिल के तौर पर नियुक्त हुए थे। पटना के काउंसिल के तौर पर पैनल में जगह बनाकर उन्‍होंने अपने शुरुआती दिनों में वकील के पेशे में कदम रखा था।

वकालत में है लंबा अनुभव

पटना हाई कोर्ट में अकाउंटेंट जनरल कार्यालय की ओर से मामला संचालन करने के लिए भारत के सीएजी की ओर से उन्हें पैनल काउंसिल के तौर पर नियुक्त दी गई थी। वह मीडिएटर के तौर पर वर्ष 2006 में तालीम हासिल किए थे और पटना मेडिटेशन सेंटर में उन्हे मेडिएटर के तौर पर नियुक्त दी गई थी।

वर्ष 2010 सितंबर, 18 तारीख को उन्हे वरिष्ठ वकील के तौर पर मान्यता मिली थी। वर्ष 2010 दिसंबर महीने में वह बिहार सरकार के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल के तौर पर नियुक्त हुए थे।

इस पदवी में कार्य करते समय उन्हें यायाधीश के तौर पर नियुक्ति मिली थी । वर्ष 2012 अप्रैल 5 तारीख को वह पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लिए थे । 2023 फरवरी 6 तारीख को उन्हे पटना हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी दी गई थी।

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