चारों तरफ चीख-पुकार..लाशें और अंधेरे में भगवान का नाम, ट्रेन हादसे में बचे परिवार ने बयां की खौफनाक आंखों देखी
Odisha Train Accident कोलकाता से एक पूरा परिवार कटक घूमने आया था। ओडिशा ट्रेन हादसे में बाल-बाल बचे इस परिवार ने मौत के मंजर से बाहर निकलने का जो किस्सा सुनाया वो रूह कंपाने वाला है। परिवार के मुखिया ललित ने बताया कि उन्होंने कभी ऐसा मंजर नहीं देखा।
By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiUpdated: Sat, 03 Jun 2023 04:46 PM (IST)
जागरण टीम, बालेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर में हुए ट्रेन दुर्घटना में 280 लोगों की मौत हो गई। वहीं, मौत के आंकड़े और दुर्घटनास्थल की तस्वीरें हादसे की भयावहता की कहानी कह रहे हैं। हादसे के एक चश्मदीद ने आंखों देखी का जो खौफनाक मंजर साझा किया, वो दिल दहला देने वाला है।
बालेश्वर के बाहनगा में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे के चश्मदीद ललित भटेर ने दैनिक जागरण से बातचीत की, जिसमें उन्होंने हादसे का आखों देखा हाल बयां किया।उन्होंने बताया कि हम 20 लोग चार कोच A1, A2 और B1 और B2 में सवार थे। शाम के समय हम लोग चाय पी रहे थे, तभी अचानक जोर का झटका लगा। कुछ समझ पाते, इससे पहले तेज आवाज के साथ तब तक ट्रेन पटरी से उतर चुकी थी।
उन्होंने इस दर्दनाक हादसे का खौफनाक मंजर याद करते हुए कहा कि आवाज के साथ ही हममें से कुछ लोग सीट से नीचे गिर गए। अन्य कोच से चीख-पुकार और रोने की आवाज सुनाई देने लगी। चारों तरफ का नजारा देख हमलोग सहम गए। सभी सिर्फ भगवान को याद कर रहे थे।
पैदल चलकर कटक पहुंचे
ललित भटेर ने बताया कि ट्रेन के रुकते ही हम सब उतरे और अपना सामान उतारा। हादसे वाले स्थान पर अंधेरा था, लोगों की चीख-पुकार की आवाजें सुनाई दे रही थी। किसी तरह से हम घायल अवस्था में धीरे-धीरे तीन घंटे तक पैदल चलकर रोड तक पहुंचे और फिर निजी वाहन से कटक आए हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।