इस महाप्रसाद के एक निवाले से मिलता है मोक्ष, जानें क्या है अडपा अभड़ा जिसका आज प्रभु को लगेगा भोग
पुरी में प्रभु जगन्नाथ को उनके भाई-बहनों को साथ आज अडपा मंडप ले जाया गया। आज से प्रभु भक्तों को अपने जन्म वेदी पर दर्शन देंगे। इस अवधि के दौरान महाप्रभु जगन्नाथ व उनके भाई-बहन को भोग लगाये जाने वाले महाप्रसाद को अडपा अभड़ा के नाम से जाना जाता है। इसमें अन्न तरह-तरह की दालें सब्जियां खट्टा और मीठा वगैरह रहता है।
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। दो दिनों तक अपने-अपने रथों पर रहने के बाद भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को गुरुवार को एक भव्य जुलूस के साथ गुंडिचा मंदिर में उनके जन्मस्थान 'अडपा मंडप' में ले जाया गया, जिसे 'गोटी पहांडी' के नाम से जाना जाता है।
जन्म वेदी से दर्शन देंगे महाप्रभु जगन्नाथ
औपचारिक अनुष्ठान को लोकप्रिय रूप से 'अडपा मंडप बिजे' के नाम से जाना जाता है। सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, पवित्र त्रिदेव आज से देवताओं और भक्तों को अपने जन्म वेदी पर दर्शन देंगे। इस अवधि के दौरान महाप्रभु जगन्नाथ व उनके भाई-बहन को भोग लगाये जाने वाले 'महाप्रसाद' को 'अडपा अभड़ा' के नाम से जाना जाता है।
महाप्रसाद के एक निवाले से करोड़ों जन्मों के पापों से मुक्ति
आज महाप्रभु जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों को विशेष 'अडपा अभड़ा' अर्पित किया जाएगा और यह आज से भक्तों के लिए उपलब्ध होगा। प्रचलित मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति 'अडपा अभड़ा' महाप्रसाद का एक निवाला भी ग्रहण कर लेता है तो वह करोड़ों जन्मों के पाप से मुक्त होने के साथ मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।
प्रभु की एक झलक पाने के लिए आतुर भक्त
जहां भगवान जगन्नाथ और उनके सहोदर भाई-बहन वर्ष भर भक्तों को श्रीमंदिर से दर्शन देते हैं, वहीं रथ यात्रा के अवसर पर नौ दिनों के प्रवास के दौरान भक्तों को अडपा मंडप से दर्शन मिलते हैं। गुंडिचा मंदिर के अंदर भाई- बहन के साथ भगवान जगन्नाथ के सुचारू दर्शन व 'अडपा अभड़ा' के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। पवित्र त्रिमूर्ति की एक झलक पाने के लिए भक्तों का जनसैलाब धैर्यपूर्वक लंबी कतार में इंतजार कर रहा है। यह एक दुर्लभ अवसर है और इसे लेकर वास्तव में भक्त बहुत उत्साहित हैं।