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Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण इन छह राशियों के लिए होगा बेहद अशुुभ, देर रात जगन्‍नाथ मंदिर में होगी विशेष नीति

Chandra Grahan 2023 28 अक्टूबर कुमार पूर्णिमा के अवसर पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण लगने समय रात 1 बजकर 4 मिनट 55 सेकंड है जबकि ग्रहण रात में 2 बजकर 24 मिनट 2 सेकंड पर खत्‍म होगा। यह ग्रहण जहां छह राशियों के लिए बेहद शुभ है वहीं छह राशियों पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ेगा। इसके लिए सावधान रहने की जरूरत है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 12 Oct 2023 03:58 PM (IST)
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22 अक्‍टूबर को चंद्र ग्रहण का राशियों पर पड़ेगा यह प्रभाव।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। 28 अक्टूबर कुमार पूर्णिमा के अवसर पर चंद्र ग्रहण लगेगा। इसके लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर में विशेष नीति अनुष्ठित की जाएगी। इस दिन चक्रराज सुदर्शन चारों आश्रमों की परिक्रमा करेंगे और सिंहासन पर बिराजेंगे, जो कि ग्रहण के स्पर्श से नौ घंटे पहले, भोजन त्याग के समय शाम 4 बजकर 4 मिनट 55 सेकेंड से पहले सम्पन्न होगा।

छह राशियों के लिए अशुभ है चंद्र ग्रहण

इसके लिए मंदिर के मुख्य प्रशासक ने बताया कि प्रशासन ने सभी पलिया सेवकों से सहयोग मांगा है। वहीं दूसरी ओर 1 घंटे 19 सेकेंड के चंद्र ग्रहण को देखने का मौका है।

ज्योर्तिविदों का कहना है कि यह चन्द्र ग्रहण छह राशियों के लिए अशुभ है, जबकि छह राशियों के लिए अच्छा है। इस साल कुमार पूर्णिमा पर एकमात्र राहु-ग्रस्त खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा।

ग्रहण लगने समय रात 1 बजकर 4 मिनट 55 सेकंड है, जबकि ग्रहण रात में 2 बजकर 24 मिनट 2 सेकेंड खत्म होगा। यानी ग्रहण की अवधि 1 घंटा 19 मिनट और 7 सेकंड है।

ग्रहण लगते ही मंदिर में शुरू हो जाएगी नीति

ग्रहण के 9 घंटे पहले अर्थात दिन के 4 बजकर 4 मिनट 55 सेकंड से रात 2 बजकर 24 मिनट 2 सेकेंड तक भोजन त्याग एवं देवनीति वर्जित है। हालांकि, ग्रहण लगते ही जगन्नाथ मंदिर में नीति शुरू हो जाती है।

यह मंदिर की विशिष्टता है। इस दिन चक्रराज सुदर्शन चारों आश्रमों की परिक्रमा करते हैं। सबसे पहले मार्कंडेय आश्रम, अंगिरा, भृगु और अंत में कांडू आश्रम की परिक्रमा करते हैं।

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सेवादारों को तमाम रीति-नीति का करना होगा पालन

चक्रराज सुदर्शन मध्याह्न धूप के बाद रत्न सिंहासन से आएंगे और चऊदोल में बिजे होकर परिक्रमा करने के बाद भोजन त्याग करने से पहले रत्न के सिंहासन पर बिजे करेंगे।

नीति उप-समिति की बैठक में ग्रहण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है। मंदिर के मुख्य प्रशासक रंजन दास ने बताया कि सेवादारों को तमाम रीति-नीति अनुशासित ढंग से करने की सलाह दी गई है।

इन राशियों पर पड़ेगा ग्रहण का शुभ-अशुभ प्रभाव

ज्योतिषाचार्य पंडित पद्मनाभ त्रिपाठी ने कहा है कि ग्रहण के आरंभ समय से ही जगन्नाथ मंदिर में चतुर्धा विग्रहों के स्नान, ग्रहण खइखोरा भोग नीति सम्पन्न की जाएगी।

ग्रहण 6 राशियों के लिए शुभ है तो वहीं 6 राशियों के लिए अशुभ है। मेष, वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या तुला राशि के लिए ग्रहण असुभ है, जबकि मिथुन, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि के लिए शुभ हैं।

वहीं कुमार पूर्णिमा के अगले ही दिन कार्तिक व्रतधारी हविष्याली व्रत का संकल्प लेंगी और उसी दिन चक्रराज सुदर्शन महाप्रभु चारों आश्रमों में बिजे करेंगे। इसके लिए पालिया सेवकों ने रीति-नीति ठीक से संपादन करने का आश्वासन दिया है। 

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