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Jagannath Puri: 46 साल बाद खोला गया महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार, शुभ मुहूर्त में की जाएगी खजाने की शिफ्टिंग

46 साल बाद आज महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार खोला गया। रत्न भंडार के अंदर कीमती खजाने की बात कही जाती है। इस खजाने की शिफ्टिंग वीडियोग्राफी और अधिकारियों की निगरानी में शुरू कर दी गई है। माना जाता है कि रत्न भंडार में अलग-अलग धातुओं की महंगी मूर्तियां रखी गई हैं। एएसआई एक्सपर्ट रत्न भंडार का अनुध्यान भी करेंगे। इसके बाद पुन ताला सील कर दिया जाएगा।

By Sheshnath Rai Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 18 Jul 2024 10:14 AM (IST)
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46 साल बाद खोला गया महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर/पुरी। पुरी जगन्नाथ धाम में मौजूद जगन्नाथ महाप्रभु के आंतरिक खजाने मे कई दुर्लभ रत्न होने की बात कही जाती है। प्राचीन काल में विभिन्न राज्यों पर विजय प्राप्त करने के पश्चात महाप्रभु को कीमती रत्न, हीरा, जेवरात, मुकुट आदि दान किया जाता था, इसे आंतरिक खजाने में रखा गया है। 1978 के बाद आज महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार खोला गया। अब धीरे-धीरे खजानों के कई रहस्य सामने आएंगे।

माना जाता है कि रत्न भंडार में अलग-अलग धातुओं की महंगी मूर्तियां रखी गई हैं। ऐसे में करोड़ों जगन्नाथ भक्तों के साथ देश दुनिया की नजर महाप्रभु के रत्न भंडार के खजाने के रहस्य पर टिकी हैं। पुरी जगन्नाथ मंदिर का अंदरूनी रत्न भंडार खोल दिया गया है।

शुभ मुहूर्त में खजाने की शिफ्टिंग

रत्न भंडार के अंदरूनी भाग की निगरानी के साथ उसमें रखे आभूषणों को स्थानांतरित करने की प्रकिया शुरू हो गई है। रत्न भंडार खोलने की शुभ घड़ी गुरुवार सुबह 2:15 बजे तक है। इस समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि महाप्रभु की नीति बाधित ना हो। सभी कार्य संपन्न होने के बाद वहां उपस्थित एएसआई एक्सपर्ट रत्न भंडार का अनुध्यान करेंगे। इसके बाद पुन: ताला सील कर दिया जाएगा।

रत्न भंडार की मरम्मत का काम होगा

ताले को सील करने के बाद चाबी ट्रेजरी में रखी जाएगी। सभी गहनों को अस्थाई रत्न भंडार में स्थानांतरित करने के बाद रत्न भंडार के मरम्मत का काम शुरू होगा। मरम्मत कार्य खत्म होने के बाद गिनती का काम शुरू होगा। प्रत्येक अलमारी की वीडियोग्राफी की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को जगन्नाथ मंदिर के बाहरी रत्न भंडार को खोला जा चुका है। बाहरी रत्न भंडार में रहने वाले रत्न एवं आभूषणों को संदूक में रखकर मंदिर के अंदर ही बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। उस दिन आंतरिक रत्न भंडार को भी खोलने का प्रयास किया गया था। हालांकि, ताला नहीं खुल पाया था। जिसके बाद रत्न भंडार कमेटी ने ताला काटकर आंतरिक रत्न भंडार में प्रवेश किया था।

कमेटी आंतरिक रत्न भंडार का निरीक्षण करने के बाद वापस लौट आई और रत्न भंडार में नया ताला लगाकर सील कर दिया गया। अब आज आंतरिक रत्न भंडार को खोला गया है और उसमें रखे आभूषण व रत्नों को स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद रत्न भंडार की मरम्मत की जाएगी।

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