शिमला मिर्च की खेती बना रहा मालामाल, हो रहा लाखों का इनकम; इस तरह से आया किसान की जिंदगी में बदलाव
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के नुआगांव ब्लाक अंतर्गत अंकुरपाली पंचायत लंकेइ गांव निवासी मनोज तिर्की की जिंदगी शिमला मिर्च की खेती से बदल गई है। अन्य सब्जी की तुलना में शिमला मिर्च का उत्पादन भी अधिक हो रहा है तथा अधिक दाम मिल रहा है। मुख्यमंत्री जनजाति जीविका मिशन से अच्छा बीज दवा उपकरण तथा खेती का प्रशिक्षण लेकर अब वह सफल किसान बन गए हैं।
जासं, राउरकेला। सुंदरगढ़ जिले के नुआगांव ब्लाक अंतर्गत अंकुरपाली पंचायत लंकेइ गांव निवासी मनोज तिर्की शिमला मिर्च की खेती कर किसानों को सफलता का नया मंत्र दे रहे हैं। मुख्यमंत्री जनजाति जीविका मिशन से उनके जीवन में बदलाव आया है। इस मिशन में अच्छा बीज, दवा, उपकरण तथा खेती का प्रशिक्षण लेकर अब वह सफल किसान बन गए हैं।
शिमला मिर्च की खेती से हो रहा मुनाफा
अन्य सब्जी की तुलना में शिमला मिर्च का अधिक उत्पादन तथा अधिक दाम मिल रहा है। इससे सालाना तीन से चार लाख की आय हो रही है। समन्वित आदिवासी विकास संस्था की ओर से ब्लाॅक के आठ गांवों में जीविका परिषद का गठन किया गया है तथा 288 आदिवासियों को मुफ्त में सुविधा देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
पिछले साल की थी टमाटर और बैंगन की खेती
किसान मनोज तिर्की बाजार में मांग के अनुसार सब्जी की खेती करते हैं। शिमला मिर्च की मांग और दाम दोनों अधिक होने के कारण इसकी खेती करने का फैसला किया।पिछले साल रबी फसल में टमाटर व बैगन की खेती की थी पर लगातार वर्षा के कारण फसल नष्ट हो गई थी। टमाटर बीज की कीमत भी बाजार में अधिक है। जबकि इस ऋतु में टमाटर का दाम दो रुपये किलो तक आ गया था।
खेती से किसानों को लाभ
इस वर्ष सरकार की ओर से मुख्यमंत्री जनजाति जीविका मिशन के जरिए मुहैया कराये गए बीज एवं खाद तथा प्रशिक्षण के अनुसार खेती की। गांव के मनोज तिर्की के साथ 12 लोगों को सुविधा मुहैया कराया गया।टमाटर व बैगन 10 से 15 रुपये किलो के दर से बिक रहा है जबकि शिमला मिर्च का भाव 45 से 60 रुपये मिल रहा है। मनोज तिर्की ने मुख्यमंत्री जनजाति जीविका मिशन योजना की प्रशंसा की।
आइटीडीए के जरिए आठ गांव के 288 किसानों को इसका लाभ मिला है। मनोज की तरह अन्य किसानों को भी खेती में अच्छा लाभ मिल रहा है खेती की ओर आकृष्ट हो रहे हैं।यह भी पढ़ें: ओडिशा की कामकाजी महिलाओं के लिए नवीन सरकार का बड़ा एलान, अब से साल भर में मिलेंगी इतनी छुट्टियां...
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