Odisha News लापरवाही और तेज रफ्तार की वजह से आए दिन सड़क हादसों के मामले सामने आ रहे हैं। इन घटनाओं में कई अंडरएज भी पाए जा रहे हैं। नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की बढ़ती घटनाओं पर पाबंदी लगाने के लिए ओडिशा परिवहन विभाग की ओर से सख्त कदम उठाया गया है। इसके अनुसार अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है तो उसके गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा।
संवाद सहयोगी, कटक।
अगर नाबालिग बालक या बालिका राज्य में कहीं भी गाड़ी चलते पकड़े गए तो उनकी गाड़ी का पंजीकरण यानी आरसी 1 साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही उसको 18 साल के होने के बावजूद 25 साल की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।
पकड़े जाने वाले नाबालिग की जानकारी सारथी ऐप में अपलोड कर दिया जाएगा। इसमें उनका आधार नंबर संबंधित तथ्य दिया जा रहा है। 18 साल के बाद जब वह अपने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अर्जी करेंगे तब तुरंत वह रद्द हो जाएगा। ऐसी व्यवस्था एसटीए की ओर से की गई है।
एनआईसी यानी नेशनल इनफॉरमेशन सेंटर के साथ मिलकर राज्य परिवहन विभाग ने यह व्यवस्था किया है।
29-30 जुलाई को चलाया गया चेकिंग अभियान
पिछले 3 साल में सड़क दुर्घटना में 653 नाबालिग बालक-बालिकाओं की मौत हुई है और 1895 नाबालिग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उसे रोकने की दिशा में सख्त कार्रवाई राज्य परिवहन आयुक्त की ओर से ली गई है।
इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर 29 और 30 जुलाई को दो दिनों के लिए विशेष पहल चलाया गया।
इस दौरान 334 नाबालिग पकड़े गए और 138 गाड़ियां भी जब्त की गई। साथ ही 25 हजार रुपये के हिसाब से 83 लाख 50 हजार रुपये जुर्माना राशि भी वसूले गए हैं।
बीते कुछ सालों में कितनी हुई सड़क दुर्घटना
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रिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 2021 में 10,984 दुर्घटना घटी थी, जिसमें से 5,081 लोगों की मौत हो गई थी। 9,782 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। ठीक उसी प्रकार वर्ष 2022 में 11 हजार 663 दुर्घटना घटी थी, जिसमें 5,467 लोगों की मौत हुई थी और 10 हजार 302 लोग घायल हुए थे।
वर्ष 2023 में 11,992 दुर्घटना घटी थी। इसमें से 5,739 लोगों की मौत हो गई थी और 10 हजार 369 लोग घायल हुए थे। 3 साल के अंदर कुल 34,639 दुर्घटना घटी, जिसमें से 16,287 लोगों की मौत हुई थी। 30 हजार 453 लोग घायल हुए थे।
अगर नाबालिग बालक एवं बालिकाओं के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2021 में 167 बालक और 36 बालिकाओं की मौत हुई है, जबकि 409 बालक और 122 बालिका घायल हुए थे। 2022 में 195 बालक और 31 बालिकाओं की मौत हुई थी, जबकि 514 बालक और 146 बालिका घायल हुए थे।
2023 में 179 बालक और 45 बालिकाओं की सड़क हादसे में गाड़ी चलाते हुए मौत हुई, जबकि 547 बालक और 157 बालिका घायल हुए थे। कुल मिलाकर वर्ष 2021 से 23 के बीच 541 बालक और 122 बालिकाओं को मिलाकर कुल 653 की मौत हुई थी, जबकि 1470 बालक और 425 बालिकाओं को मिलाकर कुल 1895 घायल हुए थे।
इन अफसरों ने दी जानकारी
परिवहन कमिश्नर कार्यालय में अतिरिक्त परिवहन कमिश्नर लालमोहन सेठी,अतिरिक्त परिवहन कमिश्नर दीप्ति रंजन पात्र,इंद्रमणि नायक, सचिन चिन्मई विश्वाल, प्रदीप कुमार मोहंती,सोमेंद्र पटनायक प्रमुख मौजूद रहकर एक पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी दी है।
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