DRDO: ओडिशा में चार महीने तक नहीं होगा मिसाइल परीक्षण, उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया फैसला; कछुए हैं बड़ा कारण
डीआरडीओ जनवरी से मार्च तक ओडिशा के व्हीलर द्वीप (अब्दुल कलाम द्वीप) पर मिसाइल परीक्षण नहीं करेगा। यह निर्णय विलुप्ति की ओर बढ़ रहे समुद्री कछुआ ओलिव रिडले के प्रजनन के मौसम को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में मिसाइल परीक्षण मार्च तक रोकने को लेकर निर्णय लिया गया।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) जनवरी से मार्च तक ओडिशा के व्हीलर द्वीप (अब्दुल कलाम द्वीप) पर मिसाइल परीक्षण नहीं करेगा। यह निर्णय विलुप्ति की ओर बढ़ रहे समुद्री कछुआ ओलिव रिडले के प्रजनन के मौसम को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में मिसाइल परीक्षण मार्च तक रोकने को लेकर निर्णय लिया गया।
बड़ी संख्या में कछुए आकर अंडे देते हैं
इसके बाद डीआरडीओ के अधिकारियों ने भी इसे अमल में लाने का संकल्प जारी किया। ओडिशा के समुद्री तटों पर इस मौसम में देश-विदेश से बड़ी संख्या में कछुए आकर अंडे देते हैं। द्वीप पर बालू के ऊपर घोसलों में वह सुविधाजनक तरीके से अंडे दे सकें, इसके लिए सरकार की ओर से भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुशांत नंदा ने कहा कि ‘कछुओं का घोंसला बनाने का स्थान अब्दुल कलाम द्वीप से नजदीक है। चूंकि मिसाइल परीक्षण में तेज रोशनी और गड़गड़ाहट की आवाज शामिल होती है, इसलिए कछुए विचलित हो जाते हैं।
कछुए 20 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद प्रजनन योग्य होते हैं
आकार में काफी छोटे ओलिव रिडले कछुए 20 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद प्रजनन योग्य होते हैं। सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर यह ओडिशा के समुद्र तट पर बालू के ऊपर घोंसले बनाकर अंडे देने पहुंचते हैं।
लोगों की आवाजाही कछुओं के प्रजनन पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है
मिसाइल परीक्षण, मशीनीकृत नौकाओं की आवाज और लोगों की आवाजाही कछुओं के प्रजनन पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। गंजाम जिले में ऋषिकुल्या समुद्र तट पर भी हर वर्ष पांच लाख से अधिक समुद्री कछुए भी घोंसले बनाते हैं। ओडिशा सरकार ने वहां भी नवंबर से मई तक के लिए मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।