ओडिशा को केंद्र सरकार ने दी बड़ी सौगात, नई रेलवे परियोजनाओं को मिली मंजूरी; विकास की नई रफ्तार पकड़ेगा राज्य
केंद्र सरकार ने ओडिशा की छह परियोजनाओं सहित कुल आठ रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में कुल 24657 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन परियोजनाओं का काम 2030-31 तक पूरी किया जाएगा। इन परियोजनाओं के जरिए कनेक्टिविटी में सुधार होने के साथ ओडिशा में विकास की नई रफ्तार मिलेगी। इन परियोजनाओं के लिए सीएम माझी ने पीएम मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जाताया है।
संवाद सहयोगी, संबलपुर। आर्थिक मंत्रिमंडलीय समिति ने ओडिशा में छह परियोजनाओं सहित कुल आठ रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया।
इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 24,657 करोड़ रुपये है, जिसमें ओडिशा में परियोजनाओं के लिए 15,004 करोड़ रुपये शामिल हैं और यह 2030-31 तक पूरी हो जाएगी। इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रा को आसान बनाया जाएगा।
इन लागतों में आएगी कमी
लॉजिस्टिक लागत कम होने के साथ तेल आयात कम होगा और कार्बन उत्सर्जन कमी आएगी। प्रस्तावित परियोजनाएं अविकसित क्षेत्रों को जोड़कर और परिवहन नेटवर्क को बढ़ाकर लॉजिस्टिकल दक्षता में सुधार करेंगी। इससे आपूर्ति शृंखलाएं सुव्यवस्थित होंगी और आर्थिक विकास तेज होगा।इन परियोजनाओं से निर्माण के दौरान लगभग तीन करोड़ मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। शुक्रवार के दिन आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में रेल मंत्रालय की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिसकी कुल अनुमानित लागत लगभग 24,657 करोड़ रुपए है।
नई लाइन के प्रस्ताव से सुधरेगी कनेक्टिविटी
नई लाइन के प्रस्ताव से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए कार्यक्षमता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा।इन आठ परियोजनाओं से सात राज्यों के 14 जिलों में भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 900 किमी की वृद्धि होगी, जिनमें ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
इन परियोजनाओं के साथ 64 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जो छह आकांक्षी जिलों (पूर्वी सिंहभूम, भद्राद्री कोठगुडेम, मलकानगिरि, कालाहांडी, नबरंगपुर, रायगडा) को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। लगभग 510 गांवों और लगभग 40 लाख आबादी को लाभान्वित करेंगे।इन मार्गों के जरिए उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लोहा अयस्क, इस्पात, सीमेंट, बॉक्साइट, चूना पत्थर, एल्युमिनियम पाउडर, ग्रेनाइट, बॉलास्ट, कंटेनर आदि जैसे वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं।
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