AIIMS भुवनेश्वर में हर साल आ रहे 250 से अधिक नए शिशु कैंसर रोगी, शुरू होगा हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण
एम्स भुवनेश्वर में हर साल 250 से अधिक नए शिशु कैंसर रोगी आ रहे हैं। यह केवल ओडिशा के लिए ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों के मरीजों के लिए भी इलाज के लिए एक उत्तम संस्थान है। एम्स भुवनेश्वर में बाल कैंसर का किफायती इलाज होता है। इसके परिणाम भी अब तक काफी बेहतर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। एम्स भुवनेश्वर राज्य का एकमात्र सरकारी संस्थान है, जो बाल कैंसर रोगियों को विशेष उपचार प्रदान करता है। हर साल 250 से 350 नए बाल कैंसर रोगी इलाज के लिए इस राष्ट्रीय संस्थान में आते हैं।
कैंसर से पीड़ित बच्चों का एम्स भुवनेश्वर में किफायती उपचार
एक बहु-आयामी दृष्टिकोण के माध्यम से एम्स भुवनेश्वर का मेडिकल ऑन्कोलाजी और हेमेटोलाजी विभाग प्रशिक्षित डाक्टरों द्वारा कैंसर से पीड़ित बच्चों को समग्र गुणवत्ता और किफायती उपचार प्रदान कर रहा है।
एम्स के कार्यकारी निदेशक डा. आशुतोष विश्वास ने बाल कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एम्स द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में यह बात कही।
बाल कैंसर के इलाज का यहां बेहतर परिणाम
डाॅक्टर विश्वास ने कहा कि एम्स भुवनेश्वर ओडिशा सहित पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों के लिए एक विश्वसनीय अस्पताल है। अब तक यहां 1,200 से अधिक बाल कैंसर रोगी आ चुके हैं।
मेडिकल ऑन्कोलाजी, हेमेटोलाजी विभाग हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण शुरू करने जा रहा है। बाल कैंसर के परिणामों ने पिछले 50 वर्षों में 80/90 प्रतिशत अधिक जीवित रहने की उम्मीद दी है।
एम्स भुवनेश्वर में शुरू हुआ वॉकथाॅन
एम्स विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. सोनाली महापात्रा ने कहा कि वर्तमान समय की इस जटिल बीमारी से पीड़ित 75-80 प्रतिशत बाल रोगियों में कैंसर के मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
डा. महापात्र ने कहा कि जटिल लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर), लिम्फोमा और गुर्दे के ट्यूमर जैसे कुछ कैंसर में जीवित रहने की संभावना 90 प्रतिशत से अधिक होती है।
शैशव अवस्था में होने वाले कैंसर के विभिन्न पहलुओं पर जागरूकता पैदा करने के लिए एम्स रोगियों, माता-पिता और डाक्टरों के साथ वाॅकथाॅन, खुली चर्चा का आयोजन कर रहा है।
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एम्स भुवनेश्वर में बाल कैंसर पर चल रहा शोध
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डा. दिलीप कुमार परिडा, डा. देबाशीष साहू, डा. कनिष्क दास, डा. सोमनाथ पाढ़ी, डा. बीबी त्रिपाठी, डा. सुब्रत साहू, डा. आदित्य मानेकर साहू, डा. आकाश पति उपस्थित थे। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रमुखता से भाग लिया।
इस मौके पर कहा गया कि भारत में बाल कैंसर पर शोध चल रहा है। एम्स भुवनेश्वर में इस क्षेत्र में आगे के शोध के लिए इस विभाग में डीएम कोर्स शुरू किया गया है। ऐसा करने वाला पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के बाद एम्स भुवनेश्वर देश का दूसरा संस्थान बन गया है।
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