PM Modi Cabinet Oath Ceremony: Odisha के इन सांसदों ने ली मंत्रीपद की शपथ, पीएम मोदी की कैबिनेट 3.0 में मिली जगह
PM Modi Cabinet Oath Ceremony रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। पीएम मोदी के साथ कुल 69 सांसद कैबिनेट मंत्री राज्य मंत्री व स्वतंत्र प्रभार मंत्री पद के लिए शपथ ली। बात करें ओडिशा की तो संबलपुर सीट से सांसद धर्मेंद्र प्रधान और सुंदरगढ़ लोकसभा सीट से जुएल उरांव ने भी शपथ ली है। राज्यसभा से सांसद अश्विनी वैष्णव ने भी शपथ ली।
डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। PM Modi Oath Ceremony प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और शपथ ग्रहण समारोह जारी है। पीएम मोदी के साथ कुल 69 सांसद कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री व स्वतंत्र प्रभार मंत्री पद के लिए शपथ ली।
अब तक नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और मनोहर लाल खट्टर, एस जयशंकर, अश्विनी वैष्णव, निर्मला सीतारमण समेत कई मंत्री शपथ ले चुके हैं। पीएम मोदी की कैबिनेट 3.0 में कई पुराने चेहरों पर भी भरोसा जताया गया है।
ओडिशा के इन सांसदों ने ली शपथ
इनके अलावा ओडिशा की संबलपुर सीट से चुने गए सांसद धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) और ओडिशा के सुंदरगढ़ संसदीय क्षेत्र से जीते सांसद जुएल उरांव (Jual Oram) ने भी केंद्रीय मंत्रीपद की शपथ ली। दोनों सांसद एनडीए सरकार की मोदी कैबिनेट 3.0 (PM Modi Cabinet 3.0) में शामिल हो चुके हैं।बता दें कि धर्मेंद्र प्रधान तीसरी बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए है। साल 2000 में वे पाललहडा विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार के रुप में जीतकर विधायक चुने गए थे। वहीं, धर्मेंद्र प्रधान साल 2004 में देवगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद भी चुने गए थे।
अश्विनी वैष्णव ने भी ली शपथ
राज्यसभा से सांसद अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने भी केंद्रीय मंत्रीपद की शपथ ग्रहण की और पीएम मोदी के मंत्रिमंडल 3.0 में केंद्रीय मंत्री के रूप में शामिल हो गए हैं।जुएल उरांव का पॉलिटिकल करियर
बात करें जुएल उरांव की तो वे साल 1990 से लेकर 1998 तक दो बार उड़ीसा विधान सभा के सदस्य रहे। फिर वे सुदरगढ़ से भाजपा जिला उपाध्यक्ष, ओडिशा से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव, ओडिशा राज्य में भाजपा अध्यक्ष रहे।
उरांव पहली बार साल 1998 में लोकसभा का चुनाव जीता था और साल 1999 के चुनाव में जीत हासिल कर वे केंद्र सरकार में आदिवासी मामलों के कैबिनेट मंत्री बने। वह राजभाषा समिति, उद्योग संबंधी स्थायी समिति और परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी रहे हैं।साल 2004 में जुएल उरांव एक बार फिर सांसद बने और 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 में उन्होंने एक बार फिर से जीत हासिल की और उसके बाद 2019 में भी उन्हें सुदरगढ़ सीट पर जीत हासिल हुई थी।
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