Odisha Politics: भरतपुर कांड से ओडिशा की सियासत में भूचाल! BJD ने भुवनेश्वर बंद का किया एलान; CM माझी पर बोला हमला
भरतपुर थाना कांड ने ओडिशा की सियासत में भूचाल ला दिया है। बीजू जनता दल (BJD) ने घटना के विरोध में 24 सितंबर को भुवनेश्वर में 6 घंटे के बंद का एलान किया है। बीजद ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार इस घटना को दबाने की कोशिश कर रही है। वहीं भाजपा ने भी बीजद के एलान पर पलटवार किया है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भुवनेश्वर के भरतपुर थाने में सेना के मेजर और उनकी महिला मित्र के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में सियासत तेज हो गई है। इस घटना की चर्चा ना सिर्फ भुवनेश्वर या ओडिशा बल्कि पूरे देश में हो रही है।
बीजू जनता दल ने इस घटना के लिए भाजपा सरकार की कड़ी निंदा करते हुए 24 सितम्बर मंगलवार को सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक तक 6 घंटे बंद पालन करने का आह्वान किया है। बीजद ने मंगलवार को भुवनेश्वर में छह घंटे के बंद का आह्वान किया है।
सुबह छह बजे से भुवनेश्वर में बंद का एलान
बीजद के वरिष्ठ नेता देवी प्रसाद मिश्रा ने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि बीजद मंगलवार सुबह छह बजे से भुवनेश्वर में बंद का पालन करेगी।
देवी मिश्रा ने कहा कि हमारी मातृशक्ति के साथ दुर्व्यवहार हुआ है और राज्य की भाजपा सरकार उसे दबाने की कोशिश कर रही है। इसलिए, हमारी पार्टी ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। काफी चर्चा और आलोचना के बाद बीजद ने मंगलवार को भुवनेश्वर में छह घंटे का बंद पालन करने का निर्णय लिया है।
बीजद के एलान पर भाजपा का पलटवार
बीजद के ऐलान के बाद भाजपा ने भी इसका जवाब दिया है। भाजपा नेता दिलीप मलिक ने कहा है कि भाजपा सरकार ने घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। पांच अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर कार्रवाई की गई।मुख्यमंत्री खुद इस मामले को देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दोषियों को ऐसी सजा दी जाएगी, जिसे वे सदैव याद रखेंगे। नवीन पटनायक की तरह मुख्यमंत्री अपना चेहरा छिपा नहीं रहे हैं। जो लोग अपने कार्यकाल में हुई हत्या, दुष्कर्म आदि घटनाओं से आंखें मूंद लेते थे, वे अब तिल का पहाड़ बना रहे हैं। उन्हें इस मामले पर कुछ भी कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि 15 सितम्बर की रात सातों आरोपियों ने मेजर और उनके महिला दोस्त के साथ उस समय दुर्व्यवहार किया था जब वे रास्ते में थे। इस पूरे कांड की शुरुआत इसी से हुई थी। घटना के संबंध में आईआईसी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
भारतीय सेना ने पहले ही उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनसे घटना की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए स्वत: संज्ञान मामला दायर करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, पुलिस डीजी को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस एसोसिएशन ने निलंबित पुलिसकर्मियों का किया बचाव
दूसरी ओर, ओडिशा पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन पांच निलंबित पुलिसकर्मियों के समर्थन में आगे आया है। पुलिस एसोसिएशन ने निलंबन आदेश को वापस लेने के लिए राज्य सरकार एवं पुलिस डीजी के समक्ष अनुरोध किया है।
पुलिस एसोसिएशन ने कहा कि बिना जांच के निलंबन कार्रवाई गलत है। जांच प्रक्रिया खत्म होने के बाद अगर कोई सुबूत मिलता है तो, उसी के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: आर्मी ऑफिसर मंगेतर मामले की सच्चाई से उठेगा पर्दा! पुलिस ने 7 रोड रोमियो को दबोचा; रिक्रिएट किया पूरा सीन
आर्मी ऑफिसर मंगेतर मामले पर सियासत तेज! राहुल और प्रियंका गांधी ने माझी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल