ओडिशा रेल हादसा: इस शख्स ने सबसे पहले कॉल पर दी थी हादसे की खबर, यात्रियों को बचाने के लिए लगा दी जान की बाजी
तमिलनाडु के रहने वाले एनडीआरएफ जवान वेंकटेश कोरोमंडल एक्सप्रेस में बैठ छुट्टियों में अपने घर जा रहे थे। जैसे ही उन्हें ट्रेन के दुर्घटनग्रस्त होने का एहसास हुआ तुरंत फोन पर NDRF कंट्रोल रूम को उन्होंने सूचना दी।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 05 Jun 2023 11:03 AM (IST)
जागरण टीम, बालेश्वर। बालेश्वर में भीषण रेल दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जैसे ही शुक्रवार शाम को हादसा हुआ, कोरोमंडल एक्सप्रेस में सफर कर रहे नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) के जवान वेंकटेश एन शायद पहले शख्स थे, जिन्होंने अपने सीनियर अधिकारियों को इसकी सूचना दी।
कोलकाता से तमिलनाड़ु अपने घर जा रहे थे जवान
तमिलनाडु के रहने वाले एनडीआरएफ जवान वेंकटेश कोरोमंडल एक्सप्रेस में बैठ छुट्टी में अपने घर तमिलनाडु जा रहे थे। वेकटेंश इस हादसे में बाल-बाल बच गए क्योंकि उनका कोच बी-7 पटरी से उतर गया था। कोच पीछे होने के कारण सीधी टक्कर नहीं हुई। वह थर्ड एसी कोच में थे और उनकी सीट संख्या 58 थी।
लाइव लोकेशन भेज NDRF की टीम को दी जानकारी
कोलकाता में एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन में तैनात 39 वर्षीय कांस्टेबल ने सबसे पहले बटालियन में अपने सीनियर इंस्पेक्टर को फोन कर दुर्घटना की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष को व्हाट्सएप पर साइट की कुछ तस्वीरें और लाइव लोकेशन भेजीं और इसका इस्तेमाल पहले बचाव दल ने मौके पर पहुंचने के लिए किया।यात्रियों की मदद के लिए लगा दी जान की बाजी
वेंकटेश ने बताया, मुझे जोर का झटका लगा और फिर मैंने अपने कोच में कुछ यात्रियों को गिरते हुए देखा। मैंने पहले यात्री को बाहर निकाला और उसे रेलवे ट्रैक के पास एक दुकान में बिठाया। फिर मैं दूसरों की मदद के लिए दौड़ा। उन्होंने कहा कि एक मेडिकल दुकान के मालिक सहित स्थानीय लोग असली रक्षक थे क्योंकि उन्होंने पीड़ितों की हरसंभव मदद की।
स्थानीय प्रशासन को भी दी फोन कर हादसे की जानकारी
दुर्घटना होते ही वेंकटेश ने कोलकाता में अपने सीनियरों को पहले फोन किया। वह संभवत: पहला फोन काॅल था जिससे एनडीआरएफ को घटना की जानकारी मिली। एक अधिकारी ने कहा कि बाद में वेंकटेश ने स्थानीय प्रशासन को भी सूचित किया।सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से 2021 में एनडीआरएफ में शामिल हुए जवान ने कहा कि उन्होंने घायल और फंसे हुए यात्रियों का पता लगाने के लिए अपने मोबाइल फोन की लाइट का इस्तेमाल किया और उन्हें सुरक्षित निकाला।
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