Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bhubaneshwar: बाहानगा रेल हादसे के दर्द भरे आंसू खुशियों में छलके, बची खुची तबाह जिंदगी में जान फूंक रहा है यूपी का लाल

रेल हादसे में अपने दोनों पैर गंवाने वाले भुवनेश्वर तारिणी बस्ती निवासी रवीन्द्र दलेई की पत्नी ने रेवती दलेई ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि अपने पति के दोनों पैर कट जाने के बाद हम पूरी तरह से असहाय हो गए थे। लेकिन ऋत फाउंडेशन ने अब हमें उम्मीद दी है।

By Jagran NewsEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Sun, 29 Oct 2023 12:31 PM (IST)
Hero Image
ओडिशा रेल हादसे के शिकार हुए पीड़ित के लिए जगी उम्मीद (जागरण)

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। बालेश्वर जिले के बाहानगा बाजार रेल स्टेशन पर भीषण रेल हादसे में बची खुची जिंदगी गुजार रहे घायलों के अंदर जान फूंक रहा है उत्तर प्रदेश (यूपी) का एक लाल। छोटी सी उम्र में सेवा के जुनून की पराकाष्ठा को पार करते हुए यह युवक हादसे में घायलों के कटे पैर की जगह पर कृत्रिम पैर और हाथ के जगह पर कृत्रिम हाथ लगाकर दिव्यांगता को छोड़कर दिव्य जिंदगी गुजारने के लिए स्वावलम्बी कर रहा है

यूपी का लाल अनुराग त्रिवेदी आज के इस महंगाई के दौर में लाचार घायल लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं। यह युवक, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में अपने फाउंडेशन ऋत फाउंडेशन संस्था के बैनरतले हादसे में तबाह जिंदगियों को आबाद करने का काम रहा है। इसके तहत अब तक 7 लोगों को कृत्रिम पैर व हाथ मिल चुके हैं।

रेल हादसे में अपने दोनों पैर गंवाने वाले भुवनेश्वर तारिणी बस्ती निवासी रवीन्द्र दलेई की पत्नी ने रेवती दलेई ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि अपने पति के दोनों पैर कट जाने के बाद हम पूरी तरह से असहाय हो गए थे। दोनों पैर कट जाने से पति विस्तर पर ही रहते थे और अपने नित्यकर्म भी सही से नहीं कर पा रहे थे।

ऋत फाउंडेशन ने दोनों पैर में कृत्रिम पैर लगा दिया

हालांकि आज ऋत फाउंडेशन ने दोनों पैर में कृत्रिम पैर लगा दिया है। पति अब आराम से चल फिर पा रहे हैं। वहीं केंदुझर निवासी लक्ष्मण मुंडा ने कहा कि उनके बेटे दिसम्बर मुंडा का ट्रेन हादसे में एक पैर कट गया था। हम गरीब लोग हैं। हम पैर कैसे लगवाते।

लेकिन ऋत फाउंडेशन ने आज हमारे बेटे को नया जन्म दिया है। बरहमपुर के रहने वाले प्रद्युम्न स्वांई ने कहा कि उनका बेटा अजय स्वांई हादसे के दिन ट्रेन से आ रहे था। हादसे में उसका एक पैर कट गया। कटक एससीबी में इलाज के बाद बरहमपुर मेडिकल में इलाज हुआ लेकिन पैर कट जाने चलना-फिरना दुभर हो गया था। ऐसे में आज बेटे को नई जिंदगी मिली है।

दिव्यांगता की समाप्ति है लक्ष्य

ऋत फाउंडेशन के संस्थापक अनुराग त्रिवेदी कहा कि सशक्त भारत की जब भी हम बात करते हैं तो हमें इस समाज का सबसे पहले ध्यान देना चाहिए। दिव्यांगता के समाप्ति के बिना सम्पूर्ण सशक्त भारत की परिकल्पना कभी साकार नहीं हो सकती है। यदि हमें भारत को सशक्त बनाना है तो सभी लोगों को दिव्यांगजनों के लिए मदद का हाथ बढ़ाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री के सपनों को अपनाया

ऋत फाउंडेशन के संस्थापक अनुराग त्रिवेदी ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सशक्त भारत एवं दिव्यांग तथा आपदा प्रभावित लोगों को सदैव सम्मान के साथ पुनर्वास करने का आह्वान किया है। हम सबको मिलकर हीन भावना को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ का जो सतत विकास लक्ष्य है उसे ध्यान में रखकर हम काम कर रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र संघ के 17 लक्ष्य में से एक दिव्यांगजनों की सेवा है।

उन्होंने कहा कि हमारा संस्थान ग्रामीण विकास, महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने, बच्चियों को शिक्षा, ग्लोबल गांव विकसित करने, देश भर किसी भी प्रकार की आपदा के समय लोगों की मदद करने की दिशा में काम कर रहा है। हमें 2 जून 2023 को जैसे ही रेल हादसे की खबर मिली हम 3 जून को हम यहां पहुंच गए।

अस्पताल में लोगों के खाने की व्यवस्था की। अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों से मिले उनके परिवार वालों से संपर्क किया और अब जब ये लोग ठीक होकर अस्पताल से अपने घर आ रहे हैं तब कृत्तिम अंग लगाकर तबाह हो चुकी जिंदगी में जान फुंकने का प्रयास कर रहे हैं।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर