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क्या है 'ब्लॉकचेन' तकनीक, जिसे अंडा उद्योग में इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बना ओडिशा; होते हैं ये फायदे

अंडा उद्योग में ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करने वाला देश में पहला राज्य ओडिशा बना है। इस तकनीक के जरिये ग्राहकों को प्रोडक्ट की क्वालिटी के बारे में जानकारी मिलती है। बलांगीर जिले का ओवो फार्म अंडा उद्योग में यह तकनीक अपना देश का पहला फार्म बना दिया है। आइए जानते हैं क्या है ब्लॉकचेन तकनीक और कैसे होता इस्तेमाल।

By Sheshnath RaiEdited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 11 Dec 2023 12:02 PM (IST)
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क्या है 'ब्लॉकचेन' तकनीक, जिसे अंडा उद्योग में इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बना ओडिशा
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के बलांगीर का ओवो फार्म अंडा उद्योग में नवीनतम 'ब्लॉकचेन' तकनीक का उपयोग करने वाला देश का पहला फार्म बना है। 'ब्लॉकचेन' जैसी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 'ओवो फार्म' ग्राहकों को उत्पाद की गुणवत्ता के बारे में जरूरी जानकारी मुहैया कराया जाता है।

बाजार में आ रही ओवो फर्म के 'केंको' ब्रांड के अंडे के पैकेट में प्रिंट क्यूआर कोड को मोबाइल पर स्कैन करने पर अंडों के गुणवत्ता के बारे में सारी जानकारी मिल जाती है। केंको अंडे ओडिशा के प्रमुख शहरों में किराने की दुकानों सहित देश के विभिन्न शहरों में उपलब्ध हैं।

आउटलेट को 'एग-स्ट्रा' के जरिए बेचा जा रहा

इसके अलावा कंपनी के अपने आउटलेट को 'एग-स्ट्रा' के जरिए बेचा जा रहा है। यहां तक कि केंको पैक में आने वाले हर अंडे पर उसकी उत्पादन तिथि छपी होती है, जो उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है। फर्म को पूरी तरह से रोग मुक्त रखने के अलावा ओवो फर्म ने स्वचालन के उपयोग और संपर्क रहित विनिर्माण की प्रक्रिया पर भी जोर दिया है।

इसके साथ ही लैब में हर स्तर पर अंडों की जांच कर देश-विदेश में भी भेजा जा रहा है। प्रत्येक अंडा सूखी-सफाई, वैक्स, ग्रेडिंग और यूवी उपचार जैसी आधुनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से इको-फ्रेंडली पैकेजिंग के साथ स्वस्थ अंडे बाजार में भेजे जा रहे हैं।

बलांगीर में स्थित एक कृषि-आधारित उद्यम

ओवो फार्म में स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली का पालन किया जा रहा है। ओवो फार्म, पश्चिमी ओडिशा के एक प्रमुख शहर बलांगीर में स्थित एक कृषि-आधारित उद्यम है, जो आज पूर्वी भारत में प्रमुख अंडा उत्पादकों में से एक के रूप में उभरा है।

फर्म के पास एक दिन में लगभग 10 लाख अंडे का उत्पादन करने की क्षमता है। बलांगीर के दो उद्यमी भाइयों सौमेंद्र मिश्रा और समरेंद्र मिश्रा के प्रयासों से यह उद्यम राज्य में एक सफल उद्योग बन गया है।

इस स्टार्टअप ने बलांगीर और आसपास के क्षेत्रों के 300 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है। विशेष रूप से फार्म के आसपास रहने वाले निराश्रित और असहाय लोगों को हर दिन एक बार मुफ्त पौष्टिक भोजन भी दिया जाता है।

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