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Surendra Nath Naik: ओडिशा के पूर्व मंत्री सुरेन्द्र नाथ नायक का निधन, कई पार्टियों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

ओडिशा राजनीति के भीष्मपितामह कहे जाने वाले बीजद नेता सुरेंद्र नाथ नायक का 93 साल की उम्र में निधन हो गया। सुरेंद नाथ नायक काकटपुर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री भी रहे हैं। उन्होंने भुवनेश्वर स्थित अपने निवास स्थान पर अंतिम सांस ली। बता दें कि नायक 2019 से ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित थे और 1977 में नायक विधानसभा के उपाध्यक्ष थे।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Fri, 05 Jul 2024 03:07 PM (IST)
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पूर्व मंत्री स्व.सुरेंद्र नाथ नायक का फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा राजनीति के भीष्मपितामह कहे जाने वाले बीजद नेता काकटपुर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र नाथ नायक का निधन हो गया है। उन्होंने भुवनेश्वर में अपने निवास पर अंतिम सांस ली। मृत्यु के समय वह 93 वर्ष के थे।

वह काकटपुर निर्वाचन क्षेत्र से सात बार विधानसभा के लिए चुने गए। सुरेंद्र नायक कृषि और शिक्षा मंत्री थे। 1977 में, नायक विधानसभा के उपाध्यक्ष थे। नायक 2019 से ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित थे।

नियमित रूप से गीता और गांधी साहित्य का करते थे पाठ

हालांकि वह इस दौरान नियमित रूप से गीता और गांधी साहित्य पढ़ रहे थे। वह मीडिया के जरिए राज्य और देश की खबरों पर भी नजर रखते थे। खराब स्वास्थ्य के बावजूद वह अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्रों काकटपुर, अस्तरंग और अन्य क्षेत्रों के दोस्तों के संपर्क में रहे।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल से की थी मुलाकात

कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र नाथ नायक से उनके आवास पर मुलाकात की थी। राज्यपाल हरिचंदन ने नायक से मुलाकात की और उनके परिवार के सदस्यों से उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की।

जब दोनों नेता एक-दूसरे से मिले तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र नाथ नायक के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवंगत नायक एक लोकप्रिय नेता थे।

वह आम लोगों के बहुत प्रिय थे। एक विधायक और एक मंत्री के रूप में, उन्होंने ओडिशा के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

क्या बोले मुख्यमंत्री?

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका निधन राज्य के लिए बड़ी क्षति है। उनके पार्थिव शरीर को विधानसभा में लाया गया और श्रद्धांजलि दी गई। वह 7 बार विधायक थे, मंत्री भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2000 से 2004 में विधायक के साथ मंत्री थे। उनके साथ मैं भी विधायक बना था।

उनके साथ मैं टूर प्रोग्राम में केन्दुझर जिला गया था। वह ओडिशा के विकास के लिए सदैव प्रयासरत थे। नशा बंदी के लिए वह गिरफ्तार होकर जेल गए थे। आज ओडिशा ने एक महान नेता को खो दिया है।

यह अपूरणीय क्षति है।उनके अवदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

इन्होंने दी श्रद्धाजंलि

स्व. नायक के निधन की खबर सुनने के बाद सभी पार्टी के नेता उनके आवास पर पहुंचे और उनका अंतिम दर्शन कर अपनी भावभिनी श्रद्धांजलि दी।केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, सांसद बैजयंत पंडा, विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी, ओडिशा सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक एवं बीजद के नेता विधायक, कांग्रेस के नेता एवं विधायक उनके आवास पर पहुंचकर अपनी भावभिनी श्रद्धांजलि दी।

सुरेंद्र नाथ नायक का राजनीतिक करियर

गौरतलब है कि 1960 में अस्तरंग पंचायत समिति अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 1971 में वह उत्कल कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 1977, 1985, 1990, 1995 उपचुनाव,2000, 2004 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।

1990 में बीजू के मुख्यमंत्री के समय वह राजस्व आबकारी मंत्री थे। 2002 से 2004 तक वह विद्यालय एवं जनशिक्षा मंत्री थे। 2004 में कृषि मंत्री बने। 2012 में वह राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष बने थे।आपातकाल के समय वह जेल गए थे।

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