क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की आड़ में 54 लाख रूपये की ठगी मामले में ओडिशा क्राइम ब्रांच ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में पेइंक कंपनी के निर्देशक सुमित कुमार दास अमिय रंजन सतपथी और फिनपे कंपनी के निर्देशक सिद्धार्थ सतपथी शामिल हैं। क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि बरगढ़ जिले में ही फर्जी ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा था।
संवाद सूत्र, कटक। क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की आड़ में 54 लाख रूपये की ठगी मामले में ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में बरगढ़ जिले के पेइंक कंपनी के निर्देशक सुमित कुमार दास, अमिय रंजन सतपथी और छत्तीसगढ़ भिलाई में फिनपे कंपनी के निर्देशक सिद्धार्थ सतपथी शामिल हैं। क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि बरगढ़ जिले में ही फर्जी ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा था।
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, 5 मई वर्ष 2023 को भुवनेश्वर नीलाद्री बिहार इलाके के प्रवीण के व्हॉट्सऐप पर एक महिला ने फोन किया था। महिला ने प्रवीण को
यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करके रुपये कमाने का लालच दिया।
आरोपी महिला ने कुछ समय बाद प्रवीण को
एक टेलीग्राम लिंक भेजा। प्रवीण ने टेलीग्राम लिंक ओपेन किया तो उन्हें एक के बाद एक कई मैसेज प्राप्त हुए।
प्रवीण के पास कुछ रुपये निवेश करके मोटी रकम कमाने का भी मैसेज आया।
उस पर भरोसा करते हुए प्रवीण ने रुपये निवेश किया था।
प्रवीण ने उसी साल मई 6 से 23 तारीख के बीच 54 लाख 75 हजार रुपये का निवेश किया। हालांकि बाद में जब वह अपने अकाउंट में जमा पैसों को वापस पाना चाहा, लेकिन वह संभव नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें अहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं।
साइबर थाने में दर्ज कराया था मामला
इस संबंध में उन्होंने साइबर थाने में मामला दर्ज कराया। क्राइम ब्रांच की ओर से मामला दर्ज करते हुए घटना की छानबीन शुरू की गई थी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय एनसीआर (नेशनल साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल) के जरिए आरोपियों के संबंध में जांच की गई थी। इस पोर्टल से और कई संगीन सच सामने आया था।
फिनपे के खिलाफ ओडिशा में पहला मामला
ओडिशा में यह पहला मामला फिनपे बैंक अकाउंट के खिलाफ आया था। हालांकि इससे पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों से फिनपे बैंक अकाउंट के खिलाफ 26 मामले आ चुके थे। ठीक उसी तरह पेइंक बैंक अकाउंट के खिलाफ भी 18 मामले पहले से दर्ज था।
क्राइम ब्रांच की टीम ने पूछताछ के बाद बरगढ़ जिला टाउन थाना इलाके में पेइंक कंपनी का पता लगाया। उस कंपनी के दो निर्देशक सुमित और अमिय फर्जी ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर तैयार कर बेच रहे थे। तीसरा निर्देशक दिल्ली में रहता है।इनके पास से छत्तीसगढ़ रायपुर भिलाई में मौजूद फिनपे के निर्देशक सिद्धार्थ सॉफ्टवेयर भाड़े में लिया था। उसके लिए वह महीने में 25 हजार रूपये दे रहा था।प्रवीण का तमाम रकम इन दोनों कंपनियों को बैंक अकाउंट के माध्यम से साइबर ठगों के पास गया था। साइबर ठग इन्हे हर एक कारोबार के लिए 4 से 5 फीसदी के रकम देते थे । यह बात क्राइम ब्रांच की जांच पड़ताल से पता चला है।
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