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Odisha News : सिक्किम बाढ़ में लापता ओडिशा के जवान सरोज हुए बलिदान, शहादत की खबर के बाद घर में मचा कोहराम

सिक्किम में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस दौरान सेना के 22 जवान लापता हो गए थे उनमें ओडिशा के रहने वाले जवान सरोज बलिदान हो गए। सेना के अधिकारियों ने बलिदान सरोज कुमार के भाई को जानकारी दी थी। वीडियो कॉल के जरिये उनकी पहचान की गई। बाढ़ में अब तक 14 लोगों की मौत और 102 लोग की सूचना हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Thu, 05 Oct 2023 07:10 PM (IST)
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सिक्किम बाढ़ में लापता ओडिशा के जवान सरोज हुए बलिदान

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल/भुवनेश्वर। लापता ओडिशा के जवान सरोज कुमार दास, जो उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने के कारण लाचेन घाटी की तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद 22 अन्य सैन्यकर्मियों के साथ लापता हो गए थे, वे बलिदान हो गए हैं।

ढेंकानाल जिले के कामाख्या नगर ब्लॉक के अंतर्गत केंदुधिपा के निवासी सरोज कुमार दास सेना की उस टीम का हिस्सा थे, जिसके इस आपदा में लापता होने की खबर थी।

वीडियो कॉल से जवान की हो पाई पहचान

उनकी शहादत की खबर ने उनके परिवार को तोड़ कर रख दिया है। जब परिवार के सदस्यों ने वीडियो कॉल के जरिए उनके शव की पहचान की तो उनके गांव में मातम छा गया।

दास दो महीने पहले ही अपने परिवार से मिलने आए थे और उनकी मौत से उनके परिवार को गहरा सदमा लगा है। बलिदान जवान सरोज के भाई मनोज ने बताया कि सेना के अधिकारियों ने हमें फोन किया।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अब तक पांच शव बरामद किए हैं। उनमें से एक हमारा भाई है। हमने उसकी पहचान एक तिल से किया, हमारा भाई अब नहीं रहा।

राज्य सरकार से नहीं पहुंचा कोई घर- जवान सरोज के भाई

बलिदान सैनिक सरोज के भाई मनोज ने अफसोस और दुख व्यक्त करते हुए कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य सरकार की ओर से कोई भी हमारे परिवार तक नहीं पहुंचा है।

जिला प्रशासन ने न ही मेरे भाई का पता लगाने में किसी प्रकार की मदद की। हमें खुद ही सेना से संपर्क करना पड़ा, जिसके बाद हमें सरोज के बलिदान की सूचना मिली।

गौरतलब है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि बादल फटने के बाद कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 102 लोग लापता हैं।

लापता लोगों की तलाश जारी- रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि लापता लोगों की तलाश जारी है। हालांकि, रुक-रुक कर हो रही बारिश और तूफान के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है। बुधवार को उत्तरी सिक्किम की लाचेन घाटी में तबाही मचा दी, जिससे देश भर के कई पर्यटक सिक्किम में फंस गए हैं।

कटक जिला का एक दंपत्ति भी फंसा- रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, फंसे हुए पर्यटकों में कटक जिला अंतर्गत चौद्वार का एक दंपत्ति भी है। उनकी पहचान दिव्यांशु सुबुद्धिरॉय और उनकी पत्नी सीमा के रूप में हुई है।

अपने बेटे बहु से संपर्क नही हो पाने के कारण माता-पिता काफी दहशत में हैं। इस बीच दिब्यांशु की मां ने प्रशासन से उनके बेटे, बहू और उनके पांच दोस्तों को वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।

आखिरी बार 3 अक्टूबर को हुई थी बात- पर्यटक के पिता 

दिब्यांशु के पिता रंजन सुबुधिरॉय ने कहा कि मेरा बेटा, बहू और उनके कुछ दोस्त पिछले रविवार को सिक्किम गए थे। मेरे बेटे ने आखिरी बार अपनी मां को 3 अक्टूबर को फोन किया था। उस समय वह कह रहा था कि वे एक होटल में रुके हैं और सिक्किम में थोड़ी बारिश हो रही है। हालांकि, उनके सभी फोन बुधवार सुबह से उपलब्ध नहीं हैं।

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उन्होंने कहा कि मैंने इस संबंध में पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। सभी फोन को ट्रैक करने के बाद थाना प्रभारी ने पाया कि वे उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने मुझे सीडीआर रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

इस आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात की है और स्थिति का जायजा लिया है। साथ ही हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

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