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Subhadra Yojana: सुभद्रा योजना के लिए आवेदन नहीं कर पा रहीं नगड़ा की महिलाएं, सामने आई ये वजह

नगड़ा और आस-पास नालियादाब गुहियाशाल तलडीह और तुमुणी सहित कई ऐसे गांव हैं जहां महिलाएं सुभद्रा योजना की पात्र हैं लेकिन चाहकर भी वे योजना का लाभ नहीं उठा पा रही हैं। नगड़ा से जनसेवा केंद्र तथा बैंक आने-जाने का खर्च 300 से 1000 रुपये हैं। ऐसे में कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से महिलाएं सुभद्रा योजना के लिए आवेदन नहीं कर पा रहीं।

By Sheshnath Rai Edited By: Divya Agnihotri Updated: Thu, 14 Nov 2024 03:42 PM (IST)
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नगड़ा की 100 गरीब महिलाएं नहीं ले पा रहीं सुभद्रा योजना का लाभ
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के अति पिछड़े प्रखंड नगड़ा की 100 गरीब महिलाओं ने राज्य सरकार की सुभद्रा योजना (Subhadra Yojana 2024) के लिए आवेदन नहीं किया है। इस सुदूर क्षेत्र की अधिकांश महिलाएं जंगली वातावरण में रहती हैं और सार्वजनिक संचार प्रणाली उनकी पहुंच से दूर हैं। उन्हें राज्य सरकार की बहुचर्चित सुभद्रा योजना के बारे में जानकारी ही नहीं है। पात्र इच्छुक महिलाएं सुभद्रा योजना के आवेदन के लिए नगड़ा से 20 किलोमीटर दूर, जंगली रास्ते से कालियापाणी आने और जनसेवा केंद्र तथा बैंक आने-जाने वाले खर्च को उठाने में सक्षम नहीं हैं।

सुभद्रा योजना का लाभ नहीं ले पा रहीं महिलाएं

ओडिशा सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सुभद्रा योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत 21 से 60 साल की एक करोड़ महिलाओं को पांच साल में पचास हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी, लेकिन खर्च वहन नहीं कर पाने की वजह से कई महिलाओं ने सुभद्रा योजना से मुंह मोड़ लिया है। उनका कहना है कि कालियापाणी आने पर उन्हें एक दिन में 300 रुपये खर्च करने होंगे। इसके बाद भी सुभद्रा की राशि मिलेगी या नहीं पता नहीं।

हजार रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं होता काम

नगड़ा और आस-पास के गांव नालियादाब, गुहियाशाल, तलडीह और तुमुणी गांव के कुल 138 परिवारों में 21 से 60 वर्ष आयु के बीच की 156 महिलाएं हैं। अब तक केवल 56 महिलाओं ने ही सुभद्रा योजना के लिए आवेदन किया है। संबंधित महिलाएं सुभद्रा के लिए तीन बार कालियापाणी आ चुकी हैं। इनका आरोप है कि वे लोकसेवा केंद्रों और बैंकों में अपने दिनभर के प्रवास के दौरान लगभग 900 से 1,000 रुपये खर्च कर कर चुकी हैं।

पिछले अक्टूबर महीने में जिलाधीश पी.अन्वेषा के निर्देश पर नगड़ा की पहली सुभद्रा लाभार्थी बुकुली प्रधान की पत्नी कुनी प्रधान थी। पहले चरण में यूनियन बैंक की इनकी कालियापाणी शाखा में 5000 रुपया जमा किए गए थे। जिला कलेक्टर की मुस्तैदी के चलते सुकिंदा बीडीओ अभिषेक स्वांई और स्टेट बैंक ऑफ केंदुझर जोन के क्षेत्रीय महाप्रबंधक कमालोचन पाणिग्रही के बीच चर्चा हुई।

एक हफ्ते के भीतर, एसबीआई की कलरंगियदा शाखा प्रबंधक कुमुद्ररंजन मिश्र, विशेष सहायक ममिता नायक और आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक शकुंतला साई ने नगड़ा का दौरा किया और यहां की महिलाओं से मुलाकात की।उन्होंने आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल फोन से महिला की पहचान की। नेटवर्क सुविधाओं के साथ नलियादाब पहाड़ियों के तहत एक अस्थायी शिविर खोला गया था और उसी दिन 31 महिलाओं की केवाईसी अपडेट की गई थी। इसके बाद भी 100 महिलाएं सुभद्रा योजना से दूर हैं।

जल्द लगेगा कैंप

जिला लीड मैनेजर (एलडीएम) दिलीप कुमार भुइयां ने कालियापाणी यूनियन बैंक शाखा में तलाशी ली और सुकिंदा सीडीपीओ भानुमती बेहरा और बैंक शाखा प्रबंधक रंजीत कुमार से चर्चा की। हालांकि, यह पाया गया कि आधार कार्ड और बैंक खाते का नाम और पता मेल नहीं खा रहे हैं। ज्यादातर महिलाओं के पास मोबाइल नंबर नहीं थे। भुइयां ने कहा कि वह और एनजीओ का विशेष प्रतिनिधिमंडल इस उद्देश्य के लिए जल्द ही नगड़ा का दौरा करेंगे और सभी परेशानियों को दूर करने की कोशिश करेंगे।

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