नीलगिरी में 78 साल बाद फिर से चलेगी पैसेंजर ट्रेन, अंग्रेजो के जमाने में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बिछाया था रेलवे लाइन
Odisha News नीलगिरी वासी इन दिनों खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं क्योंकि उनके यहां 78 साल बाद फिर से रेल सेवा शुरू होने वाली है। सबसे पहले यहां सन 1945 को पैसेंजर ट्रेन चली थी। उसके बाद से पैसेंजर रेलगाड़ी नीलगिरी में कभी भी नहीं चलाया गया। इसकी मांग स्थानीय निवासी लंबे समय से कर रहे थे जिसे अब केंद्र सरकार पूरा करने जा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 28 Nov 2023 11:31 AM (IST)
लावा पांडे, बालेश्वर। करीब 78 वर्ष बाद बालेश्वर जिला के अंतर्गत नीलगिरी नामक स्थान पर फिर से चलाया जाएगा यात्री वाही रेलगाड़ी। विगत कई वर्षों से नीलगिरी वासियों की एक बड़ी मांग, एक बड़ी आशा को केंद्र की सरकार पूरा करने जा रही है।
1945 में सबसे पहले चलाया गया था पैसेंजर ट्रेन
नीलगिरी में सन 1945 में यात्री वाही रेलगाड़ी यानी कि पैसेंजर ट्रेन चलाया गया था, जिसमें पालखामुंडी के महाराजा गजपति कृष्ण चंद्र देव सवार होकर आए थे। राजा महाराजा के समय का इतिहास आज फिर से वास्तविक रूप में बदलने वाला है, जिसके चलते स्थानीय लोगों में काफी खुशी देखने को मिल रही है।
पालखामुंडी के महाराजा माधव सुंदर गजपति का विवाह नीलगिरी के महाराजा किशोर चंद्र मर्द राज की बड़ी बेटी स्वर्णलता मंजरी देवी के साथ हुआ था। इसी विवाह कार्यक्रम में शामिल होने रेल से स्वयं महाराज और उनके बाराती नीलगिरी नामक स्थान पर नीलगिरी के महाराज के घर पहुंचे थे।
उसके बाद से पैसेंजर रेलगाड़ी नीलगिरी में कभी भी नहीं चलाया गया था। सरकार अब फिर से नीलगिरी नामक स्थान में करीब 78 वर्ष बाद पैसेंजर रेलगाड़ी चलाने का निर्णय लिया है, जिसके चलते यहां के स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल छा गया है। नीलगिरी के राजा जयंत चंद्र मर्द राज ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले बालेश्वर के सांसद प्रताप सड़ंगी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
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