Odisha News : राज्य पिछड़ा आयोग ने सरकार से 20 जातियों को ओबीसी सूची में की शामिल करने की सिफारिश
ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य सरकार को राज्य ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए 20 जातियों की सिफारिश की है। इस बात की जानकारी ओएससीबीसी की सदस्य मिताली चिनारा ने पत्रकारों से बात करते हुए दी।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 13 Jan 2023 05:25 PM (IST)
अनुगुल/भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता: ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य सरकार को राज्य ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए 20 जातियों की सिफारिश की है। इस बात की जानकारी ओएससीबीसी की सदस्य मिताली चिनारा ने पत्रकारों से बात करते हुए दी।
सूची में शामिल करने के लिए हो रहा सर्वेक्षण
चिनारा ने कहा कि हम शिकायतों को इकट्ठा करने के लिए जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण कर रहे हैं। आयोग ओबीसी सूची में शामिल करने के मामलों की सुनवाई कर रहा है। कुछ जातियाँ ऐसी हैं जिन्हें वर्तनी की त्रुटियों के कारण सूची से बाहर कर दिया गया था। उन मामलों की सुनवाई आयोग द्वारा की जा रही है और उसी के अनुसार सिफारिशें की गई हैं।
20 जातियों को शामिल करने की सिफारिश
इससे पहले 2021 में, ओएससीबीसी के सदस्यों ने ओबीसी सूची में राजपूतों की एक उपजाति खंडायत को शामिल करने पर चर्चा करने के लिए अपने केंद्रीय समकक्षों से मुलाकात की थी और राज्य सूची में 20 और जातियों को शामिल करने की सिफारिश की थी।ओबीसी मुद्दे पर पटनायक सरकार को घेरती रही है भाजपा
विपक्ष, विशेष रूप से भाजपा लंबे समय से ओबीसी मुद्दे पर बीजद के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार को घेरती रही है। यह मुद्दा पिछले साल 2022 शहरी चुनावों के दौरान केंद्र में आ गया था। भाजपा ने आरोप लगाया था कि राज्य में ओबीसी को उनके वैध अधिकारों से वंचित किया जा रहा है जबकि राज्य में ओबीसी आयोग कहीं नजर नहीं आता।
भाजपा ने कहा कि ओबीसी आबादी के संबंध में कोई डेटा नहीं है। भले ही राज्य की आबादी का 54 प्रतिशत या लगभग 2.5 करोड़ लोग इस श्रेणी में आते हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा राज्य में 200 जातियाँ ओबीसी के रूप में सूचीबद्ध हैं।
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