Odisha: ओडिया दैनिक 'संवाद' के ऑफिस पर EOW की छापेमारी, सौम्य रंजन पर धोखाधड़ी से 50 करोड़ का ऋण लेने का आरोप
ईओडब्ल्यू और कमिश्नरेट पुलिस की तीन टीमें संयुक्त रूप से भुवनेश्वर के रसूलगढ़ औद्योगिक क्षेत्र स्थित संवाद हेड ऑफिस पहुंचीं। ईओडब्ल्यू की टीम दस्तावेजों बैंक पासबुक और लेनदेन की जांच कर रही है। खबर लिखे जाने तक छापेमारी जारी थी। यह छापेमारी एक पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर की गई है। राज्य की नवीन पटनायक सरकार से बार-बार सवाल पूछने वाले सौम्य रंजन पटनायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
By Sheshnath RaiEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 19 Sep 2023 09:34 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वरः राज्य की नवीन पटनायक सरकार से बार-बार सवाल पूछने वाले सौम्य रंजन पटनायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने उनके द्वारा संचालित अखबार 'संवाद' कार्यालय में छापा मारा।
जानकारी के मुताबिक, ईओडब्ल्यू और कमिश्नरेट पुलिस की तीन टीमें संयुक्त रूप से भुवनेश्वर के रसूलगढ़ औद्योगिक क्षेत्र स्थित 'संवाद' हेड ऑफिस पहुंचीं। ईओडब्ल्यू की टीम दस्तावेजों, बैंक पासबुक और लेनदेन की जांच कर रही है। खबर लिखे जाने तक छापेमारी जारी थी। यह छापेमारी एक पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर की गई है।
ईओडब्ल्यू ने जारी किया बयान
ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को ऋण धोखाधड़ी के आरोप के संबंध में एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि अखबार के ही एक पूर्व कर्मचारी द्वारा दायर शिकायत के बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 506, 467, 468, 471, 420 और 120 बी के तहत दर्ज मामले के आधार पर ही यह छापा मारा की गई है।व्यक्तिगत ऋण लेने के लिए मजबूर करने का आरोप
ईओडब्ल्यू ने कहा है कि मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि कई कर्मचारियों को व्यक्तिगत ऋण लेने के लिए मजबूर किया गया था। अखबार के संपादक तथा विधायक सौम्य रंजन पटनायक, एचआर हेड बैजयंती कर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
नौकरी छीनने की धमकी देने का आरोप
शिकायतकर्ता असीम महापात्र ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें उनकी इच्छा के खिलाफ खाली ऋण फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने निर्देशों का पालन नहीं किया, तो उनकी नौकरी छीन ली जाएगी। बाद में, शिकायतकर्ता को पता चला कि उसके नाम पर 5 लाख रुपये का ऋण लिया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल अखबार ने किया था।कर्मचारियों को जाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए मजबूर करने का आरोप
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि संस्थान के 300 से अधिक कर्मचारियों को जाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया और इस प्रकार सौम्य रंजन पटनायक ने इन जाली दस्तावेजों का उपयोग करके और कर्मचारियों को धमकी देकर धोखाधड़ी से लगभग 50 करोड़ रुपये हासिल किए।
ईओडब्ल्यू ने आगे कहा कि उसने कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज एकत्र किए हैं और जांच के दौरान कुछ गवाहों से पूछताछ की है। अब तक संस्थान के 15-20 कर्मचारी फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उनके नाम पर जबरन कर्ज लिए जाने की शिकायत लेकर सामने आए हैं।ये भी पढ़ेंः बीजद उपाध्यक्ष पद से हटाए गए सौम्य रंजन पटनायक, फाइव टी सचिव को लेकर कही थी यह बड़ी बात...
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