Odisha Rail Accident: 5 महीने बाद एससीबी से वापस घर लौटे बिहार के बजरंगी, अब गांव में दुकान खोलकर बिताएंगे जिंदगी
बालेश्वर के बहानगा में जून 2 तारीख को हुई भयानक रेल हादसे की यादें अब भी लोगों के जेहन में ताजा है। बिहार में बांका जिला कोटारिया थाना अंतर्गत मलबथार गांव के बजरंगी ठाकुर भी हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे। उन्हें कटक बड़ा मेडिकल में एडमिट कराया गया था। अब वह बिल्कुल ठीक हो चुके हैं और अपने घर के लिए रवाना हो गए हैं।
संवाद सहयोगी, कटक। बालेश्वर के बहानगा में जून 2 तारीख को हुई भयानक रेल हादसे में गंभीर रूप से घायल होकर कटक बड़ा मेडिकल में भर्ती होने वाले बिहार बांका जिला कोटारिया थाना अंतर्गत मलबथार गांव के बजरंगी ठाकुर गुरुवार को एससीबी मेडिकल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग से वापस घर के लिए रवाना हुए। 20 वर्षीय बजरंगी गुरुवार को अपनी पत्नी विरमा देवी के साथ ट्रेन से खुशी-खुशी अपने घर वापस चले गए हैं।
हादसे के बाद सैकड़ों हुए थे अस्पताल में भर्ती
एससीबी मेडिकल में बहानगा रेल हादसे के वह आखिरी पीड़ित थे, लेकिन कटक बड़ा मेडिकल में उनका जिस प्रकार से इलाज किया गया है, उसको लेकर वह काफी खुशी जताए हैं। बजरंगी के अनुसार, एससीबी मेडिकल में सभी डॉक्टरों ने उनका अच्छी तरह से इलाज किया है।
बहानगा रेल हादसे के बाद कटक बड़ा मेडिकल में 200 से अधिक लोगों की को भर्ती किया गया था। बजरंगी एससीबी मेडिकल में पहुंचने के समय उसकी हालत काफ़ी नाजुक थी।
बाएं पैर की हालात बहुत ही खराब हो गई थी। जिसके कारण उनके बाएं पैर को डाक्टरों को मजबूरन काटना पड़ा। उनकी जान को बचाने के लिए डॉक्टरों को आपस में बातचीत करते हुए यह कठिन निर्णय लेना पड़ा था।
WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें.
जून में एससीबी में एडमिट हुए थे बजरंगी
ऑर्थोपेडिक्स, प्लास्टिक सर्जरी, सर्जरी और दूसरे विभागों के डॉक्टर एकत्रित होकर बजरंगी का इलाज किए थे। बहानगा रेल हादसे के बाद कुल 208 पीड़ित एससीबी मेडिकल में भर्ती हुए थे, जिनमें से 7 की जान इलाज के दौरान चली गई थी।
जबकि बाकी सब मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं, लेकिन जून महीने में एडमिट होने के बाद से उनका नियमित इलाज चलता रहा। उन्हें स्वस्थ होने में काफी समय लगा।
हादसे के बाद बजरंगी को मिली नई जिंदगी
बजरंगी बेंगलुरु में कार्य करते थे और हादसे वाले दिन यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे। बजरंगी बेंगलुरु से बिहार अपने घर को लौट रहे थे।
जनरल बोगी के गेट के पास वह सो गए थे। तभी यह हादसा हुआ था, लेकिन जब वह होश में आए तो उन्हे पता चला कि एससीबी मेडिकल में उन्हें 2 दिन रहते हुए बीत चुका था।
शरीर में जगह-जगह जख्म हो गया था। इस हादसे के बाद उन्हे नया जीवन मिला है। ऐसे में वह काफी खुश हैं, हालांकि पैर गंवाने का मलाल है। अब वह गांव जाकर कोई दुकान खोलकर अपने परिवार का गुजारा करना चाहते हैं।
यह भी पढ़ें: करोड़पति निकला आयुर्वेदिक कॉलेज का प्रिंसिपल, पुरी जिला में 3 भवन, 16 प्लॉट, बैंक में 50 लाख जमा