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वज्रपात से मृत्‍यु के मामले में देश में तीसरे स्‍थान पर ओडिशा, बीते 20 सालों में हुई पांच हजार से अधिक मौतें

Odisha News बारिश के मौसम में वज्रपात से अक्‍सर लोगों की मौत होने की खबरें सामने आती हैं। इस मामले में ओडिशा देश में तीसरे स्‍थान पर है। पहले स्‍थान पर मध्‍य प्रदेश और दूसरे स्‍थान पर महाराष्‍ट्र है। ओडिशा में बीते बीस सालों में वज्रपात से पांच हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। इस गंभीर विषय के बारे में लोगों को अधिक जागरूक बनाने की जरूरत है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 04 Sep 2023 11:44 AM (IST)
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वज्रपात से मृत्यु के मामले में देश में तीसरे स्थान पर ओडिशा।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odisha News: वज्रपात से मृत्यु के मामले में ओडिशा देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में पिछले 20 वर्ष में (2001 से 2021 के बीच) वज्रपात से 5,164 लोगों की मौत हुई। क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल द्वारा हाल ही में जारी वार्षिक वज्रपात रिपोर्ट 2022-23 से यह जानकारी मिली है।

वज्रपात से मध्‍य प्रदेश में सबसे अधिक मौतें

हालांकि, दूसरी ओर रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ओडिशा, आंध्र प्रदेश और नागालैंड में वज्रपात से होने वाली मौतों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में वज्रपात गिरने से होने वाली मौतों में से 90 प्रतिशत मध्य भारत क्षेत्र से दर्ज की गई है, जबकि वज्रपात गिरने से होने वाली कुल मौतों में से 60 प्रतिशत से अधिक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से है। 2001 और 2021 के बीच मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 6,805 मौतें हुईं, इसके बाद महाराष्ट्र में 5,372 मौतें हुईं।

ओडिशा में छह लाख से अधिक वज्रपात की घटनाएं

जानकारी के अनुसार, वज्रपात गिरने से होने वाली मौतों के मामले में ओडिशा तीसरे स्थान पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 में देश में 20 मिलियन से अधिक वज्रपात गिरने की सूचना मिली, जबकि ओडिशा में 6,02,958 बादल से जमीन पर वज्रपात गिरने की घटनाएं हुईं।

बादल से जमीन पर वज्रपात गिरने के मामले में ओडिशा देश में तीसरे स्थान पर है। मध्य प्रदेश सबसे अधिक 941663 के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद महाराष्ट्र 685893 के साथ दूसरे स्थान पर है।

क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्वेशन सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल की वार्षिक लाइटनिंग रिपोर्ट में 2019-20 और 2022-23 के बीच देश में क्लाउड-टू-ग्राउंड लाइटनिंग में 40 प्रतिशत की वृद्धि का उल्लेख किया गया है।

बिजली गिरने से लगातार हो रहीं मौतें

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह चिंता की बात है कि ओडिशा, झारखंड और बिहार में 280 से 314 किलो एम्पियर के हाईकमाण्ड वज्रपात निगरानी की जा रही है, जो चिंता का विषय है।

संस्था के अध्यक्ष कर्नल (सेवानिवृत्त) संजय श्रीवास्तव ने कहा कि बिजली गिरने से ग्रामीण इलाकों के लोगों की मौत हो रही है, लेकिन ओडिशा में पंचायत स्तर पर कोई काम नहीं दिख रहा है। पंचायत स्तर पर सरकार को विशेष ध्यान देना होगा। जमीनी स्तर से जागरूकता की कमी है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिला प्रशासन को युवाओं को शामिल करने और सामूहिक रूप से जागरूकता पैदा करने के लिए घर-घर जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि बालेश्वर में फकीरमोहन विश्वविद्यालय द्वारा वज्रपात गिरने के बारे में जागरूकता कार्यक्रमों के कारण इस वर्ष जिले में मात्र तीन लोगों की मौत हुई है।

पिछले वर्ष जिले में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक थी। हर किसी को इसका अनुकरण करने की जरूरत है। श्रीवास्तव ने कहा कि अगर जमीनी स्तर से जागरूकता कार्यक्रमों को तेज किया जाए तो शून्य हताहत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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