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Odisha Train Accident: सिग्नल वापस लेने से हुई दुर्घटना, फिर ऐसे भिड़ गईं कोरोमंडल एक्सप्रेस समेत तीन ट्रेनें

Odisha Train Accident ओडिशा ट्रेन हादसे की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन का सिग्नल दिया गया था लेकिन इसे वापस ले लिया गया। जिसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई और उसके बाद दूसरी एक्सप्रेस भी दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiUpdated: Sun, 04 Jun 2023 08:05 AM (IST)
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Odisha Train Accident: कोरोमंडल एक्सप्रेस-मालगाड़ी की भिड़ंत की वजह आई सामने
बालेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के बालेश्वर में शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे में मृतकों की संख्या 288 तक पहुंच गई है। वहीं, घायलों की संख्या भी बढ़कर 1100 से ज्यादा हो गई है। इनमें से 100 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

इस दुर्घटना को देश का तीसरा सबसे बड़ा हादसा बताया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन का सिग्नल दिया गया था, लेकिन इसे वापस ले लिया गया। इससे ट्रेन लूप लाइन में चली गई और वहां पहले से खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई।

मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। बालेश्वर के बाहानागा स्टेशन के पास दुर्घटनास्थल पर शनिवार को भी युद्धस्तर पर राहत और बचाव का कार्य चलता रहा। यहां रेलवे के साथ ही एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा राहत बचाव दल और स्थानीय पुलिस-प्रशासन की टीम के साथ सेना को भी बचाव कार्य में लगाया गया।

पीएम मोदी भी घटनास्थल पर पहुंचे

शनिवार को घटना का जायजा लेने तथा घायलों का हाल जानने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत रेलवे के तमाम वरिष्ठ अधिकारी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। रेलवे ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। राहत एवं बचाव कार्य पूरा हो गया है। रूट बहाल होने में अभी कुछ समय लग सकता है।

ऐसे हुआ हादसा

बंगाल के शालीमार से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम 6:35 बजे बालेश्वर के बाहानागा बाजार स्टेशन से निकली थी। 6:54 बजे तक यह ट्रेन मेन लाइन पर थी, जबकि कुछ ही दूरी पर बगल की लूप लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी।

सिग्नल वापस लेने के कारण 6:55 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक लूप लाइन पर चली गई और मालगाड़ी से टकरा गई। उस समय ट्रेन की रफ्तार 128 किलोमीटर प्रतिघंटे थी। ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। पीछे के सभी डिब्बे बगल की डाउन लाइन की पटरी पर गिर गए।

सुपरफास्ट एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकराई

इसी बीच ठीक उसी समय उस डाउन लाइन से होकर बेंगलुरु से हावड़ा जानेवाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजर रही थी, जिसकी रफ्तार 117 किमी थी। ट्रेन के ज्यादातर डिब्बे दुर्घटनास्थल से आगे बढ़ चुके थे, लेकिन पीछे के तीन डिब्बों से कोरोमंडल एक्स. के डिब्बे से टकरा गए।

टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्स. के 13 डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इनमें सामान्य, स्लीपर, एसी 3 टियर और एसी 2 टियर के डिब्बे शामिल थे। यह बात भी सामने आई है कि जिस लाइन पर दोनों ट्रेनें टकराईं, वह आंशिक रूप से जीर्ण-शीर्ण थी।

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