Odisha Train Accident: रेल हादसे के बाद 50 घंटे तक ग्राउंड जीरो पर मौजूद रहे रेल मंत्री, ओडिशा से है खास नाता
Coromandel Train Accident ओडिशा के बालेश्वर में हुए भीषण रेल हादसे के बाद भले ही विपक्ष रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा मांग रहा हो लेकिन दुर्घटना के बाद राहत-बचाव कार्य से लेकर रेल रूट को सामान्य बनाने तक लगभग 50 घंटे तक वे ग्राउंड जीरो पर ही डटे रहे।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odisha Train Accident: ओडिशा के बालेश्वर में हुए भीषण रेल हादसे के बाद भले ही विपक्ष रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा मांग रहा हो लेकिन दुर्घटना की अगली सुबह ही वे घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद तत्काल राहत और बचाव कार्य से लेकर रेल रूट को सामान्य बनाने तक लगभग 50 घंटे तक ग्राउंड जीरो पर डटे रहे।
दुर्घटनास्थल से ही उन्होंने यह साफ कर दिया था कि दुर्घटना को लेकर कोई मिथ्या प्रचार नहीं होना चाहिए। इस भीषण दुर्घटना के शिकार हुए यात्रियों के बारे में लोगों तक सही और स्पष्ट जानकारी पहुंचाकर रेलमंत्री ने पारदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
दुर्घटना के पहले दिन शाम को ही उन्होंने घोषणा कर दी थी कि बचाव का कार्य पूरा हो चुका है और ट्रैक पर दोबारा परिचालन का काम जोर-शोर से शुरू हो चुका है, जिससे अगले 12 घंटे में डाउन लाइन पर रेलवे के परिचालन का काम शुरू हो जाएगा।
रेल मंत्री की लगातार उपस्थिति से विभिन्न एजेंसियों में सहयोग और समन्वय का भाव भी बना रहा। आजाद भारत में शायद ऐसा पहली बार हुआ जब कोई रेल मंत्री दुर्घटना स्थल लगातार डटे रहे, राहत कार्य और नुकसान की निगरानी करते रहे। उन्होंने घटनास्थल से ही रेलवे के सुरक्षा आयुक्त के नेतृत्व में जांच का निर्देश दिया।
बालेश्वर से रहा है पुराना नाता
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बालेश्वर से पुराना नाता रहा है। बालेश्वर के कलेक्टर रहते हुए सेवा के प्रति उनके समर्पण को लोग आज भी याद करते हैं। ओडिशा में 1999 में आए महाविनाशकारी सुपर साइक्लोन की बात हो या फिर बालेश्वर में कलेक्टर रहने के दौरान चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों तक को सम्मान देने का मामला, उनके साथ काम कर चुके लोग उन्हें आज भी याद करते हैं।
आज जब बालेश्वर रेल त्रासदी से देश धीरे-धीरे उबर रहा है, बतौर रेल मंत्री घटना स्थल पर उनकी मौजूदगी और राहत कार्य को लेकर दायित्वों के निर्वहन के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है।
जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं रेलमंत्री
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मुरली मनोहर शर्मा ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि बालेश्वर में एक बैठक चल रही थी। भोजनावकाश में सभी खाने चले गए। दोबारा बैठक के लिए जब सभी सभागार में पहुंचे तो तत्कालीन कलेक्टर अश्विनी वैष्णव ने दरबान से पूछा तुमने खाना खाया, उसने कहा बैठक के बाद खाऊंगा। इसके बाद वैष्णव ने उपस्थित अधिकारियों से कहा, थोड़ी प्रतीक्षा कर लें, बैठक दरबान के भोजन करने के बाद होगी।
संकट की घड़ी में दिन-रात एक कर देते हैं रेलमंत्री
ओडिशा के इतिहास पर शोध कर चुके अनिल धीर ने बताया कि ओडिशा में 1999 में आए सुपर साइक्लोन ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। तब वैष्णव ने दिन-रात एक कर बालेश्वर के निवासियों को राहत पहुंचाने का कार्य किया था।