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Odisha Train Tragedy: मुर्दाघर बनाया गया बहानगा स्कूल फिर से खुला, पहले दिन आए 200 छात्र

ओडिशा के बालेश्वर जिले में ट्रिपल ट्रेन हादसे के दौरान अस्थाई मुर्दाघर के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला बहानगा स्कूल गर्मी की छुट्टी पूरी होने के बाद बुधवार को फिर से खुल गया। 65 साल पुराना स्कूल दुर्घटनास्थल से महज 500 मीटर की दूरी पर है जिसे घातक ट्रेन हादसे के बाद जल्दबाजी में एक अस्थायी मुर्दाघर में बदल दिया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Thu, 22 Jun 2023 12:10 AM (IST)
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मुर्दाघर बनाया गया बहानगा स्कूल फिर से खुला, पहले दिन आए 200 छात्र
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल/भुवनेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर जिले में ट्रिपल ट्रेन हादसे के दौरान अस्थाई मुर्दाघर के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला बहानगा स्कूल गर्मी की छुट्टी पूरी होने के बाद बुधवार को फिर से खुल गया।

65 साल पुराना स्कूल दुर्घटनास्थल से महज 500 मीटर की दूरी पर है, जिसे घातक ट्रेन हादसे के बाद जल्दबाजी में एक अस्थायी मुर्दाघर में बदल दिया गया था।

इसमें 292 यात्रियों की जान चली गई और 1,000 से अधिक यात्री घायल हो गए थे। इस कक्षा 1 से 10 तक की कक्षाओं वाले स्कूल को पूजा कराने के बाद दोबारा खोल दिया गया, जबकि मध्याह्न भोजन परोसने वाले हॉल, जिसे मुर्दाघर के रूप में बदल दिया गया था, को ध्वस्त कर दिया गया था।

स्कूल के पहले दिन उपस्थिति कम

छात्रों को एक नया वातावरण देने के लिए कक्षाओं को रंग-रोगन के बाद खोल दिया गया। हालांकि, स्कूल के पहले दिन उपस्थिति कम रही। स्कूल में 550 से अधिक छात्रों में से लगभग 200 छात्रों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

घबरा रहे छात्रों के माता-पिता

आशंका जतायी जा रही है कि छात्रों के माता-पिता अपने बच्चों को वापस उस स्कूल में भेजने से घबरा रहे हैं। स्कूल प्रबंधन समिति की एक महिला सदस्य ने बताया कि छात्र अभी भी स्कूल आने से घबरा रहे हैं, क्योंकि उनके स्कूल में इतनी बड़ी संख्या में शवों को संरक्षित किया गया था।

जिला शिक्षा अधिकारी ने किया दौरा

हालांकि, हमने छात्रों और उनके माता-पिता को समझाने की कोशिश की है। इस दौरान बालेश्वर के जिलाधीश दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) बिष्णु चरण सुतार ने स्थिति की निगरानी के लिए स्कूल का दौरा किया।

शिंदे ने कहा कि स्कूल और जन शिक्षा सचिव के निर्देश के अनुसार, मैं स्कूल फिर से खुलने के पहले दिन विभिन्न स्कूलों का दौरा कर रहा हूं। इसलिए मैंने बहनागा स्कूल का भी दौरा किया।

पटरियां की गईं सील

जिला शिक्षा अधिकारी बिष्णु सुतार ने कहा कि छात्रों को कक्षा शिक्षण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। आधे छात्रों की अनुपस्थिति पर सुतार ने कहा कि कई छात्र रेलवे ट्रैक (दुर्घटना स्थल) के विपरीत दिशा में रह रहे हैं, पटरियां सील कर दी गईं।

हमें उम्मीद है कि स्थिति सामान्य होने पर स्कूल अपनी सामान्य उपस्थिति में वापस आ जाएगा। जिलाधीश शिंदे ने यह भी बताया कि उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक से बात की थी कि छात्रों को स्कूल समय के दौरान अपना काम रोककर स्कूल आने की अनुमति दी जाए।

गौरतलब है कि ओडिशा सरकार ने बाहानगा हाई स्कूल को एक मॉडल स्कूल के रूप में पुनर्विकास करने का फैसला किया है।

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हाई स्कूल के आसपास के प्राथमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों को तोड़कर आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक बिल्कुल नया भवन बनाने का निर्णय लिया गया।

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